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अनाज गिरवी रख किसान ले रहे कर्ज - सुभाष देशमुख

डिजिटल डेस्क,मुंबई। शेतमाल तारण कर्ज (कृषि उत्पाद गिरवी ऋण) योजना के माध्यम से राज्य की 103 कृषि उपज बाजार समितियों ने चार महीनों में 16 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। इन बाजार समितियों में किसानों ने 86 हजार 166 क्विंटल कृषि उत्पाद गिरवी रखा है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने बताया कि शेतमाल तारण कर्ज योजना के तहत बाजार समिति में किसानों को अपना अनाज गिरवी रखना पड़ता है। इसके बदले किसानों को 6 प्रतिशत ब्याज दर पर उनकी फसल के वर्तमान मूल्य के 75% तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत किसानों को कृषि उत्पाद के लिए मुफ्त में गोदाम मिलता है। बाद में अनाज की ज्यादा कीमत मिलने पर किसान उसको बेच कर अपना कर्ज चुका सकते हैं। साथ ही बची हुई अतिरिक्त राशि का लाभ किसान ले सकते हैं।
किसान लें योजना का लाभ: देशमुख ने कहा कि फसलों की कटाई के दौरान अनाज की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण कीमतों में गिरावट आती है। ऐसे समय में किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं। किसान बाजार समितियों में अनाज, दलहन, तिलहन रख सकते हैं। देशमुख ने कहा कि योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बाजार समितियों में अच्छे और बड़ी क्षमता वाले गोदाम उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसके लिए बाजार समितियों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से निधि उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को गिरवी रखे गए अनाज के बदले दिए जाने वाले कर्ज की निधि राज्य कृषि विपणन महामंडल की तरफ से बाजार समितियों की दी जाती है। बाजार समितियों को वार्षिक तीन प्रतिशत की ब्याज दर से यह पैसा दिया जाता है।
103 बाजार समितियों में किसानों को मिल रहा लाभ
शेतमाल तारण कर्ज योजना में अकोला की 5, अमरावती की 10, बुलढाणा की 4, यवतमाल की 13, वाशिम की 6, औरंगाबाद की 5, जालना की 7, परभणी की 2, हिंगोली की 3, सांगली की 1, गडचिरोली की 2, गोंदिया की 2, चंद्रपुर की 5, नागपुर की 2, भंडारा की 2, वर्धा की 4, अहमदनगर की 3, नाशिक की 2 , पुणे की 1, सोलापुर की 10, उस्मानाबाद की 3, नांदेड़ की 3, बीड़ की 2 और लातूर की 6 बाजार समितियां शामिल हुई हैं।
Created On :   6 Jan 2018 8:13 PM IST