किसानों ने की FRP से ज्यादा रुपए की मांग, गन्ने की दर को लेकर बैठक बेनतीजा

Farmers demand of sugarcane price more than FRP in maharashtra
किसानों ने की FRP से ज्यादा रुपए की मांग, गन्ने की दर को लेकर बैठक बेनतीजा
किसानों ने की FRP से ज्यादा रुपए की मांग, गन्ने की दर को लेकर बैठक बेनतीजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार और किसान संगठनों के बीच गन्ने की दर को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही। किसान संगठनों की गन्ने को 3500 रुपए प्रति टन का भाव दिए जाने की मांग पर प्रदेश सरकार ने असमर्थता जताई है। इससे नाराज किसान संगठनों ने आंदोलन को और तीव्र करने की चेतावनी दी है। अब आगामी 8 नवंबर को चीनी दर नियंत्रण समिति की बैठक में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। 

 

गन्ना देने की शुरुआत करें किसान

गुरुवार को सह्याद्री में सहकारिता व विपणन मंत्री सुभाष देशमुख की अध्यक्षता में गन्ने की दर को लेकर किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक के बाद मंत्री देशमुख ने कहा कि चीनी कारखानों को गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) से अधिक दर देने में मुश्किलें आती हैं। इसलिए किसान संगठनों को व्यावहारिक मांग करनी चाहिए। चीनी के भाव बढ़ने पर कुछ कारखानें अधिक दर देने को तैयार है, लेकिन पेराई के लिए किसानों को गन्ना देने की शुरुआत करनी चाहिए।

 

आंदोलन और तेज करने की चेतावनी

प्रदेश के कृषि और विपणन राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने कहा कि चीनी कारखानों को FRP यानी फेयर रिम्युरेटिव प्राइज  के अनुसार पैसे देने पड़ेंगे। यदि कोई कारखाना इससे कम कीमत देता है, तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष और सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार को किसानों और चीनी कारखानों के बीच  मध्यस्त की भूमिका निभानी की कोशिश करनी चाहिए थी। पर सरकार ने ऐसा नहीं किया। हम अपनी मांग पर अब भी कामय है। जब तक सरकार गन्ने की कीमत बढ़ाने का फैसला नहीं करती है, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। संगठन के नेता रघुनाथदादा पाटील ने 3500 रुपए के अनुसार दर लिए बिना एक भी किसान चीनी कारखानों को पेराई के लिए गन्ना नहीं देंगे। हम शुक्रवार से अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

Created On :   2 Nov 2017 5:52 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story