देशमुख के बंगले पर गन्ना किसानों का रक्तदान प्रदर्शन, विवाद में फूटी खून की बोतलें 

Farmers donated blood in movement in front of minister bungalow
देशमुख के बंगले पर गन्ना किसानों का रक्तदान प्रदर्शन, विवाद में फूटी खून की बोतलें 
देशमुख के बंगले पर गन्ना किसानों का रक्तदान प्रदर्शन, विवाद में फूटी खून की बोतलें 

डिजिटल डेस्क, पुणे। गन्ने की उचित दर की मांग को लेकर किसानों ने रक्तदान आंदोलन किया। शुक्रवार को सोलापुर में प्रहार किसान संगठन ने मंत्री सुभाष देशमुख के बंगले पर प्रदर्शन किया। सैंकड़ों किसानों ने जैसे ही प्रदर्शन शुरु किया, वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। किसान रक्तदान आंदोलन के लिए खून की बोतलें साथ लाए थे। तभी पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई और खून की बोतलें जमीन पर गिरकर फूट गई। इसके बाद मंत्री के बंगले के बाहर बड़े पैमाने पर रक्त फैल गया। पुलिस ने दोपहर 2 बजे शुरु हुए इस आंदोलन के दौरान दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हालांकि इसके बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।   

अचानक भड़का था आंदोलन, 2 किसान हुए थे घायल

इससे पहले शेवगांव तहसील में जारी किसान आंदोलन अचानक भड़क गया था। गन्ना उत्पादक किसान 5 नवंबर से आंदोलन कर रहे थे, मांग पूरी न होने पर किसान संगठनों ने बुधवार सुबह 11 बजे पैठण-शेवगाव राजमार्ग पर चक्काजाम किया। गुस्साए किसानों ने आगजनी की थी। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा था। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस पर पथराव होने के बाद दो किसान गोली लगने से घायल हो गए थे। गन्ना उत्पादक किसान इस साल पेराई के वक्त प्रति टन 3 हजार 100 रुपए दाम देने की मांग कर रहे थे।

पुलिस का कड़ा बंदोबस्त

शुक्रवार को विधायक बच्चू कडू के संगठन ने सहकार मंत्री देशमुख के बंगले के सामने रक्तदान आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। जिसके मद्देनजर वहां पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया था। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को आंदोलन करने से रोका। जिससे कार्यकर्ता भड़क गए। गुस्साए किसान और कार्यकर्ताओं को काबू करने के लिए पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा।

Created On :   17 Nov 2017 5:20 PM GMT

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