कपास को गुलाबी बोंडइल्ली से बचाने की कवायद में जुटे किसान

Farmers engaged in the exercise to save cotton from pink bondailly
कपास को गुलाबी बोंडइल्ली से बचाने की कवायद में जुटे किसान
कीटनाशक छिड़काव का सुझाव कपास को गुलाबी बोंडइल्ली से बचाने की कवायद में जुटे किसान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। कपास की उपज करने वाले किसान गुलाबी बोंडइल्ली के दुष्प्रभाव से लगातार जूझ रहे हैं और  गुजरते वक्त के साथ फसल को बर्बाद करने वाली इस जंतू का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में फसलों पर गुलाबी बोंडइल्ली का असर 10 प्रतिशत तक देखा गया था। लेकिन अंतिम 15 से 20 दिनों में इसका प्रकोप 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की जानकारी है। नवंबर महीने में मौसमी वातावरण गुलाबी बोंडइल्ली के लिए पोषक होने की वजह से खतरा और अधिक बढ़ गया है। 

मौजूदा परिस्थिति में कपास उत्पादक किसान खेतों से फसल निकालने का काम शुरू कर चुके हैं। यह कपास बाजार तक भी पहुंचने लगी है। लेकिन कई खेतों में एक पौधे पर 10 से 15, 50 से 60 बोंड लगे दिखाई दे रहे हैं। जिन खेतों में बोंड की संख्या कम है, वह पूरी तरह तैयार हो चुके है। लेकिन जहां बोंड की संख्या अधिक है, वहां गुलाबी इल्ली का प्रकोप अधिक दिखाई दे रहा है। कृषि कार्यालय की ओर से किसानों से आह्वान किया गया है कि वह फसलों को गुलाबी बोंडइल्ली के प्रभाव से नष्ट होने से बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा सुझाई गई कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें। 

कृषि कार्यालय की ओर से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर के अंत तक गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसीलिए कृषि विभाग द्वारा सूचना जारी की गई है कि जिन खेतों में गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव 5 से 10 प्रतिशत के दरम्यान है, ऐसी जगह साइपर थ्रोमिंग 10 प्रतिशत तक छिड़काव करें। इसी तरह 10 प्रतिशत से अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र में डेल्थामेथरीन, कोरोपायरिफॉस, इन्डोजकार्म दवाइयों का छिड़काव करें। जिससे फसलों को बोंड इल्ली से सुरक्षित रखा जा सके।

Created On :   7 Nov 2021 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story