खरीदी केंद्रों में जमे किसान, 20 हजार क्विंटल से अधिक धान की अब तक नहीं हुई है खरीदी

Farmers frozen in procurement centers, paddy has not been purchased more than 20 thousand quintals yet
खरीदी केंद्रों में जमे किसान, 20 हजार क्विंटल से अधिक धान की अब तक नहीं हुई है खरीदी
खरीदी केंद्रों में जमे किसान, 20 हजार क्विंटल से अधिक धान की अब तक नहीं हुई है खरीदी

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में धान खरीदी का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी विभिन्न खरीदी केंद्रों में किसान धान लेकर बैठे हुए हैं। ये वे किसान हैं, जिन्हें अंतिम दिन पोर्टल में दिक्कत होने के कारण टोकन नहीं मिल पाया था। जिले भर में 100 से अधिक किसानों का करीब 20 हजार क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में ही पड़ा हुआ है। दूसरी ओर, भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण तीन लाख 21 हजार क्विंटल से अधिक धान का परिवहन होना शेष है। बुधवार को हुई बारिश में काफी जगह धान भीग गई है। 
जहां किसानों से धान की खरीदी नहीं हो पाई है, उनमें मुख्य रूप से ब्यौहारी, पपौंध, देवगांव, जयसिंहनगर, बनसुकली, रसमोहनी आदि खरीदी केंद्र शामिल हैं। किसानों की धान खरीदी केंद्र में ही रखी हुई है। धान खरीदी के लिए सोमवार को अंतिम दिन था, लेकिन सुबह 10 बजे के बाद सर्वर बंद हो गया। सर्वर नहीं चलने के कारण किसानों से खरीदी गई धान की ऑनलाइन एंट्री नहीं हो पाई। मैन्युअल तरीके से रजिस्टर में दर्ज किया गया। 20 जनवरी की रात 12 बजे से उपार्जन का पोर्टल भी बंद हो चुका है। ऐसे किसानों की धान खरीदने के लिए अब शासन स्तर से बात की जा रही है। बताया जाता है कि कलेक्टर ने इस संबंध में पत्र भी लिखा है। ताकि बचे हुए किसानों की धान की खरीदी की जा सके। 
भंडारण व्यवस्था नहीं, खुले में पड़ी 3 लाख क्विं. धान 
जिले में धान भंडारण की व्यवस्था नहीं है। कैप के इंतजाम की बात की जा रही है, लेकिन अभी तक कहीं भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। करीब 3 लाख 22 हजार क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में ही पड़ी हुई है। बुधवार को हुई बारिश से कुछ केंद्रों में धान भीग गई है। सबसे ज्यादा नुकसान जयसिंहनगर और ब्यौहारी में हुआ है। वेयर हाउस से जुड़े सूत्रों के अनुसार भण्डारण के लिए गोहपारू और ब्यौहारी में कैप स्टोरेज का इंतजाम किया जा रहा है, लेकिन वह भी भंडारण की समस्या से निजात नहीं दिला पाएगी। जिले में अभी तकसभी 40 खरीदी केंद्रों में 87190 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। 55015 मीट्रिक टन का परिदान हुआ है। 32175 मीट्रिक टन का परिदान होना शेष है। अभी तक खरीदी केंद्रों से 63 फीसदी धान का ही परिवहन किया जा सका है। 
तहसीलदार पहुंचे रसमोहनी केंद्र
तहसीलदार जैतपुर लवकुश मिश्रा बुधवार को टिकुरी धान खरीदी केंद्र रसमोहनी का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान खरीदी केंद्र के प्रबंधक मुनी लाल साहू ने बताया कि खरीदी केंद्र में कुल पंजीकृत किसानों 572 में से 413 कृषकों के द्वारा धान की बिक्री की गई है। कुल 30070 क्विंटल धान की खरीदी हुर्ह है। 11344 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। 18025 क्विंटल धान का परिवहन होना शेष है। उन्होंने यह भी बताया कि 21 जनवरी की स्थिति में कुल 58 कृषकों को टोकन जारी किया गया है। इनमें से 47 कृषकों को फसल की तौल की जा चुकी है। शेष 11 कृषकों का तकनीकी त्रुटि के कारण फीड नहीं हो पाया है। इसके अलावा धान खरीदी केंद्र में कुल 64 कृषकों का धान रखा गया है, जिसका टोकन जारी नहीं हो पाया है। यह धान खरीदी केंद्र में ही रखा हुआ है।  
इनका कहना है
कैप स्टोरेज की बात हुई थी, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके चलते खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है। 
एनएस पवार, डीएम नान
कमिश्नर ने तलब की जानकारी  
कमिश्नर आरबी प्रजापति ने धान उपार्जन की पूरी जानकारी तलब की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आज की स्थिति में शहडोल संभाग के सभी खरीदी केन्द्रों में धान का उपार्जन कितना किया गया है तथा कितना उपार्जन शेष है, इसकी जानकारी तत्काल उपलब्ध कराएं। कमिश्नर ने उपार्जन केंन्द्रों में समुचित बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा उपार्जन के बाद खरीदी केन्द्रों से धान का परिवहन तेजी से कर भंडारण केन्द्रों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए हैं।
 

Created On :   23 Jan 2020 9:25 AM GMT

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