फसल और फल बीमा नुकसान भरपाई के रूप में किसानों को मिलेंगे न्यूनतम एक हजार 

Farmers will get minimum 1000 as compensation for crop insurance
फसल और फल बीमा नुकसान भरपाई के रूप में किसानों को मिलेंगे न्यूनतम एक हजार 
फसल और फल बीमा नुकसान भरपाई के रूप में किसानों को मिलेंगे न्यूनतम एक हजार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा नुकसान भरपाई की न्यूनतम राशि एक हजार मिलेगी। प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने इससे संबंधित शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फल बीमा योजना के माध्यम से बीमा मुआवजा के रूप में न्यूनतम एक हजार रुपए किसानों को देना आवश्यक है। लेकिन यदि साल 2018 में खरीफ और रबी की फसलों और फलों के लिए बीमा कंपनी के जरिए किसानों को दी जाने वाली राशि एक हजार रुपए से कम होगी तो उस राशि की भरपाई राज्य सरकार अपनी ओर से करेगी। प्रदेश के जिन किसानों को फसल और फल के बीमा की राशि एक हजार रुपए से कम मिली होगी। ऐसे किसानों की जानकारी संबंधित बीमा कंपनियों को भारतीय कृषि बीमा कंपनी के जरिए राज्य के कृषि आयुक्तालय को देनी होगी। इसके बाद कृषि आयुक्तालय निधि भारतीय कृषि बीमा कंपनी के माध्यम से संबंधित बीमा कंपनी को वितरित किया जाएगा। इस निधि को बीमा कंपनी संबंधित पात्र किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा कराई जाएगी। यह योजना साल 2018 की खरीफ और रबी की फसलों और फलों के लिए क्रियान्वित मानी जाएगी। 

चारा छावनी में पशुओं की न्यूनतम संख्या की शर्त शिथिल 

इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से घोषित सूखा प्रभावित इलाकों में जानवरों की चारा छावनी में पशुओं की न्यूनतम संख्या के शर्त को शिथिल कर दिया गया है। चारा छावनी में पशुओं की न्यूनतम संख्या 150 तक शिथिल करने का अधिकार संबंधित जिलाधिकारी को दिया गया है। प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार अभी तक चारा छावनी में मवेशियों की न्यूनतम संख्या 250 तक थी। जबकि पहले सूखा प्रभावित इलाकों की चारा छावनी के लिए पशुओं की न्यूनतम संख्या 300 और अधिकतम 3000 हजार रखने की घोषित की गई थी। लेकिन सरकार ने अब पुशओं की न्यूनतम संख्या को दूसरी बार शिथिल करने का फैसला किया है। प्रदेश के 26 जिलों के 151 तहसीलों के अलावा 268 राजस्व मंडलों में सूखा घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त 5449 गांवों में भी सूखे की स्थिति घोषित की गई है। साल 2018 के खरीफ मौसम में प्रदेश के अधिकांश इलाकों में औसत से कम बारिश होने के कारण सूखा पड़ा हुआ है। 

भेड़- बकरियों के लिए 8 जिलों में चारा छावनी 

प्रदेश सरकार की तरफ से भेड़-बकरियों के लिए 8 जिलों में चारा छावनी शुरू करने की मंजूरी प्रदान की गई है। प्रदेश के बीड़, उस्मानाबाद, अहमदनगर, जलगांव, पुणे, सातारा, सांगली और सोलापुर जिले में भेड़-बकरियों के लिए चारा छावनी शुरू की जा सकेंगी। चारा छावनी मालिकों को प्रति भेड़-बकरियों के पशुआहार के लिए 25 रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। चारा छावनी मालिकों को भेड़-बकरियों को तीन से चार लीटर पानी उपलब्ध कराने को कहा गया है। 

गौशलाओं की राहत व चारा शिविर के लिए 18.19 करोड़ 

प्रदेश सरकार के पशुसंवर्धन विभाग की ओर से अनुदानित गोवर्धन गौवंश सेवा केंद्र में शुरू पशुओं के राहत व चारा शिविर के लिए 18.19 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश के 7 जिले उस्मानाबाद, बीड़, जालना, परभणी, औरंगाबाद, अहमदनगर और हिंगोली में 8 राहत व चारा शिविर शुरू है। 
 

Created On :   2 Jun 2019 7:43 PM IST

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