विनोद रामानी की आत्महत्या प्रकरण, कॉल डिटेल टटोल रही पुलिस

Film producer and drug businessman vinod ramani suicide case
विनोद रामानी की आत्महत्या प्रकरण, कॉल डिटेल टटोल रही पुलिस
विनोद रामानी की आत्महत्या प्रकरण, कॉल डिटेल टटोल रही पुलिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फिल्म निर्माता और दवा कारोबारी विनोद रामानी की आत्महत्या की गुत्थी उनके मोबाइल फोन के कॉल डिटेल ही सुलझा सकेगी। पुलिस की आगे की उम्मीद इसी बात पर टिकी है।  सूत्रों से पता चला है कि विनोद रामानी के पास दो मोबाइल फोन थे। वह फोन गायब हैं। घटनास्थल का पंचनामा करने वाले तहसील थाने के कर्मचारी वालदे ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल का पंचनामा तैयार किया है। इस दौरान विनोद रामानी का कमरे से कोई सुसाइड नोट या मोबाइल फोन नहीं मिला है। विनोद ने हाल के अंदर टेबल के उपर चढ़कर सीलिंग पंखे में ओढ़नी बांधकर फांसी लगाई थी। पुलिसकर्मी वालदे का कहना था कि उस कमरे में इतनी ज्यादा दुर्गंध थी कि खड़े रहना मुश्किल हो रहा था। विनोद रामानी ने फिल्मों के कारोबार में काफी पैसे लगा दिया था। विनोद का एक भाई विदेश में, दूसरा दिल्ली में, तीसरा छापरुनगर और चौथा भाई जरीपटका में रहता था। विनोद अपने परिवार के साथ निकालस मंदिर इतवारी में  कीर्ति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 102 में रहता था। 

किसने संपर्क किया था

पुलिस अब इस बारे में पता लगा रही है कि आखिर विनोद रामानी के दाेनों मोबाइल फोन कहां है। परिवार के घर से बाहर जाने के बाद उसके मोबाइल फोन पर किसने और कब संपर्क किया है। पुलिस उसके मोबाइल फोन का सीडीआर निकालने वाली है। साथ ही इस बारे में भी परिजनों से पूछताछ की जाएगी कि क्या वह तनाव के चलते नशे के इंजेक्शन लेने लगे थे। चर्चा है कि उन पर करीब 75 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया था। उन्होंने कुछ हवाला कारोबारियों से भी रकम लेकर फिल्मों में लगाया था। वह अपनी वसूली के लिए उन पर दबाव बनाने लगे थे। कुछ सराफा कारोबारी और कुछ अन्य व्यवसायियों ने जिससे विनोद के संबंध मधुर थे, उन्होंने विनोद को फिल्म निर्माण के समय काफी रकम उधार दिया था।

दवा दुकानों में भाइयों की हिस्सेदारी

सूत्रों से पता चला है कि जरीपटका निवासी विनोद रामानी करीब चार-पांच साल फिल्म निर्माण के क्षेत्र  में उतरे थे।  इसके पहले वे शहर में अपेक्स नाम से दवा कारोबार शुरू किया था। शहर में उनकी दवाई की पांच दुकानें हैं,  इन दुकानों में उनके भाइयों की भी हिस्सेदारी है। दवाई का कारोबार अच्छा चल रहा था। उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम पर आधारित हिंदी फिल्म "काफी विथ डी' बनाई। इस फिल्म के निर्माण के समय उन्होंने उक्त कई लोगों से कर्ज लिया था। फिल्म प्रदर्शन के बाद वह कमाई नहीं कर पाई। उन्होंने अपेक्स बैनर के तले ही फिल्म का निर्माण किया था।

संपत्ति बेचकर चुकाना चाहते थे कर्ज

सूत्रों के अनुसार विनोद रामानी संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाने की तैयारी कर चुके थे। समय पर संपत्ति नहीं बिकी तो वह मानसिक रूप से अधिक परेशान हो गए। कर्ज के कारण वह परिवार पर भी झल्ला उठते थे।

Created On :   24 July 2019 9:52 AM GMT

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