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फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां हथियाने के मामला में मंगलवार को अंतिम सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां हथियाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट 16 नवंबर को अंतिम सुनवाई करेगा। इस मामले से जुड़ी कुल 45 याचिकाएं सूचीबद्ध है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ मामले पर अंतिम फैसला सुनाएगी। दरअसल, महाराष्ट्र में ठाकुर नामक व्यक्तियों ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरियां हासिल की है, वह आदिवासी नहीं बल्कि राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों से महाराष्ट्र में आए हिंदू क्षत्रिय (राजपुत) है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता शिल्पा ठाकुर के खिलाफ कोर्ट ने फैसला दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे राहत देते हुए मामले पर स्टे लगा दिया था। सरकारी प्राधिकारियों की ओर से वकील सुहास कदम का कहना है कि शिल्पा ठाकुर के फैसले का आधार लेकर कई ठाकुरों के अलावा ऐसे हजारों सरकारी कर्मी हैं जिन्होंने एसटी के अवैध जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल की है।
गौरतलब है कि ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में फैसला देते हुए कहा था कि कोई व्यक्ति फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर 20 साल से नौकरी कर रहा हो तो भी उसकी नौकरी जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यदि कोई व्यक्ति बहुंत लंबे समय से नौकरी कर रहा है और बाद में उसका प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो उसे सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सकती है। इसके खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और अन्य की याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया था
Created On :   15 Nov 2021 10:10 PM IST