- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- HC : युवक को पीटने वाले पुलिसकर्मी...
HC : युवक को पीटने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ दर्ज होगा मामला, नवलखा को राहत बरकरार, इंटरकास्ट मैरिज करने जा रही लड़की ने मांगी सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। हेल्मेट न पहनने के कारण मोटर साइकिल युवक की पिटाई के मामले में आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सरकारी वकील अरुणा पई ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। युवक के पिता चंद्रकांत करमबाले ने पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज करने व बैंक को घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को सहेज कर रखने का निर्देश देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की 11 फरवरी 2019 की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ खेरवाडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाएगा। याचिका में पिता ने दावा किया था कि उनका बेटा कक्षा 12 वीं पढता है। वह मुझे कालेज छोड़कर घर लौट रहा था। इस दौरान उसने हेल्मेट नहीं पहना था। पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान उसको रुकने को कहा तो उसने कुछ दुरी पर गाडी रोकी। तभी खेरवाडी पुलिस स्टेशन से जुड़े कांस्टेबल ने युवक के सिर पर डंडे से मारा। जिससे वह बेहोश हो गया। इससे उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना के बाद मैं आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए गया था लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं ली। याचिका में करंबले ने कहा था कि कि पुलिस ने मेरे बेटे को किस तरह से मारा है इसका सारा दृश्य स्टेट बैंक आफ इंडिया (बांद्रा ब्रांच) के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। इसलिए बैंक को हमे सीसीटीवी फुटेज देने अथवा फुटेज को सहेज कर रखने का निर्देश दिया जाए। याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान एक अन्य खंडपीठ ने स्टेट बैंक आफ इंडिया की बांद्रा ब्रांच को इस घटना से जुड़ा फुटेज भी सहेज कर रखने का भी निर्देश दिया था।
अंतरजातिय विवाह करने जा रही लड़की ने हाईकोर्ट पहुंच कर मांगी सुरक्षा
अंतरजातीय विवाह के चलते परिजनों की नाराजगी की शिकार हो रही 19 वर्षीय युवती ने निजी स्वतंत्रता व जीवन की रक्षा की मांग को बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकर्ता प्रियंका शेटे ने याचिका में कहा है कि वह अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ विवाह कर रही है। इसलिए उसे डर है कि उसके माता-पिता और चाचा उसकी हत्या कर सकते हैं। इसलिए मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए। अधिवक्ता नितिन सातपुते के माध्यम से याचिका दायर करनेवाली शेटे घरवालों की यातना से तंग आकर एक बार आत्महत्या का प्रयास भी कर चुकी है। लड़की के चाचा ने शेटे व उसके हमउम्र प्रेमी को पिस्तौल दिखाकर धमकाया भी था। पुणे निवासी शेटे ने याचिका में कहा है कि वह उंची जाति की है, जबकि मेरा प्रेमी पिछड़ी जाति से है। हम दोनों एलएलबी की पढाई के दौरान एक दूसरे के संपर्क में आए थे। मेरे माता-पिता हमारे संबंध से खुश नहीं हैं, वे हमारे अंतरजातिय विवाह के खिलाफ हैं। यहीं नहीं मेरी एलएलबी की पढाई भी बंद करा दी गई है। मुझे जबरन तमिलनाडु ले जाया जा रहा था लेकिन मैं किसी तरह ट्रेन से निकलकर भाग आई। अब मैं अपने प्रेमी के साथ अपनी मर्जी से बिना किसी दबाव के अपने माता-पिता से अलग रह रही हूं। मुझे अपने माता-पिता व चाचा से खतरा महसूस हो रहा है। इसलिए पुलिस को मुझे 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही आश्वस्त किया जाए की मेरे मौलिक अधिकारों का कोई हनन न हो। इसके साथ ही अवैध रुप से हथियार रखने के लिए मेरे चाचा व मुझे प्रताड़ित करनेवाले माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जाए।
राज्य में बनेंगे 202 बाल सुलभ न्यायालय
राज्य भर में 202 बाल सुलभ न्यायालय बनाए जाएंगे। इसमे से 91 बाल सुलभ न्यायालय का काम पूरा हो गया है जबकि 78 न्यायालय का काम पूरा होने के कगार पर है। 33 कोर्ट के निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु है। गुरुवार को बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी गई। हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से आए अधिकारी ने खंडपीठ के सामने कहा कि राज्य भर में 202 बाल सुलभ न्यायालय बन रहे हैं। इसमे से 91 का काम पूरा हो गया है जबकि 78 कोर्ट का काम पूरा होने के कगार पर है। 33 कोर्ट के कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रुप दिया जा रहा है। बाल सुलभ अदालतों के कार्य की निगरानी के लिए न्यायाधीशों की कमेटी भी बनाई गई है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सभी बाल सुलभ अदालतों का काम इस वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाए। गौरतलब है कि बाल सुलभ अदालत में मुख्य रुप से बच्चों के यौन उत्पीड़न से जुड़े व दुष्कर्म शिकार पीड़िताओं के मामले चलाए जाएंगे। बाल सुलभ अदालत में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जहां यौन उत्पीड़न का शिकार बच्चे आरोपी को देखे बिना बेखौफ होकर अपनी गवाही दे सकेंगे। बाल सुलभ अदालत को बहु उद्देश्यीय बनाने के उद्देश्य से सरकार ने बाल सुलभ न्यायालय का नाम बदलकर ‘विटनेस वलनारेबल सेंटर’ कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता नवलखा को मिली राहत को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार
महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गडचिरोली में हुए नक्सली हमले के मद्देनजर भीमा-कोरेगांव हिस्सा मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से मिली राहत को रद्द किया जाए। गुरुवार को सरकारी वकील अरुणा पई ने न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने यह दलील दी लेकिन खंडपीठ ने इसे अस्वीकार कर दिया। नक्सली हमले में 15 जवान शहीद हुए है। खंडपीठ ने कहा कि नवलखा को पिछले साल अक्टूबर 2018 में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी गई है। इसलिए हम इसे खत्म नहीं कर सकते है। खंडपीठ ने व्यस्तता का हवाला देते हुए इस मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट में नवलखा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में नवलखा ने खुद के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है। माओवादियों से संबंध व भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर पुणे पुलिस ने नवलखा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 12 जून तक के लिए स्थगित कर दी है और नवलखा को मिली राहत को बरकरार रखा है।
Created On :   2 May 2019 10:12 PM IST