अब ओबीसी आरक्षण अध्यादेश पर राज्यपाल ने किए हस्ताक्षर 

First returned - now the governor signed the OBC reservation ordinance
अब ओबीसी आरक्षण अध्यादेश पर राज्यपाल ने किए हस्ताक्षर 
पहले लौटाया अब ओबीसी आरक्षण अध्यादेश पर राज्यपाल ने किए हस्ताक्षर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक आरक्षण बहाली संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश के शहरी और ग्रामीण निकायों के चुनावों में ओबीसी के 27 प्रतिशत तक की सीमा में आरक्षण लागू हो सकेगा। जबकि राज्य में सभी समुदायों का मिलाकर आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि हमें खुशी है कि राज्यपाल ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब सरकार की ओर अध्यादेश जारी किया जाएगा। भुजबल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बहाली के अध्यादेश की प्रति राज्य चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव आयोग से  छह जिलों के जिला परिषद और पंचायत समितियों के उपचुनाव को टालने की मांग कर सकते हैं। इसके पहले बीते 15 सितंबर को राज्य मंत्रिमंडल ने ओबीसी आरक्षण बहाली के अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी देकर राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा था लेकिन राज्यपाल ने अध्यादेश में कुछ खामियों को गिनाते हुए सरकार के पास वापस लौटा दिया था। इसके बाद 22 सितंबर को राज्य मंत्रिमंडल ने सुधारित अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी थी। साथ ही नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत तक लागू करने का फैसला किया था। जिसके बाद अब राज्यपाल ने ओबीसी आरक्षण बहाली के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके मद्देनजर सरकार ने अध्यादेश के जरिए ओबीसी आरक्षण बहाल करने का फैसला लेना पड़ा है। 

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जिला परिषद और पंचायत समितियों के उपचुनाव टालने की मांग करेंगे- वडेट्टीवार  

प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस अध्यादेश का लाभ राज्य के छह जिला परिषद और पंचायत समितियों के घोषित उपचुनाव में ओबीसी उम्मीदवारों को मिले। इसके लिए सरकार छह जिलों में जिला परिषद की 85 सीटों और पंचायत समितियों की 144 सीटों के उपचुनाव को टालने की मांग राज्य चुनाव आयोग से करेगी। वडेट्टीवार ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से कहा जाएगा कि सरकार 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा के अधीन रहते हुए चुनाव कराना चाहती है। वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार के ग्रामीण विकास और विधि व न्याय विभाग का भी मानना है कि ओबीसी आरक्षण बहाली के साथ उपचुनाव कराने की मांग चुनाव आयोग की जा सकती है।  इसके पहले बीते 13 सितंबर को राज्य चुनाव आयोग ने बिना ओबीसी आरक्षण के नागपुर, अकोला, वाशिम, धुलिया, नंदूरबार जिला परिषद की 85 और उसके अंतर्गत आने वाली पंचायत समितियों के 144 सीटों पर 5 अक्टूबर को उपचुनाव कराने की घोषणा की थी। 
 

Created On :   23 Sept 2021 9:27 PM IST

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