पहली बार गठित पुलिस सखी दस्ते को मिलीं महिला होस्टलों से 40 गंभीर शिकायतें

First time commenced police squad received 40 serious complaints
 पहली बार गठित पुलिस सखी दस्ते को मिलीं महिला होस्टलों से 40 गंभीर शिकायतें
 पहली बार गठित पुलिस सखी दस्ते को मिलीं महिला होस्टलों से 40 गंभीर शिकायतें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में राज्य में पहली बार बड़ी कॉप्स यानी की पुलिस सखी दस्ता की शुरुआत की गई। अब राज्य के सभी शहरों में इस दस्ते की शुरुआत की जा चुकी है। इसका गठन पुलिस आयुक्त डाॅ. के. व्यंकटेशम की पहल पर किया गया। शहर के 139 महिला छात्रावासों में से पुलिस आयुक्तालय की ओर से बनाए गए पुलिस सखी विशेष दस्ते को छात्राओं की आेर से 40 गंभीर शिकायतें मिली हैं। इस विशेष दस्ते की प्रमुख व पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर इन शिकायतों को सुलझाने में मदद कर रही हैं। इस दस्ते के लिए थाने की 24 महिला पुलिस अधिकारी व 120 कर्मचारी सहित 150 कर्मियों को नियुक्त किया गया है। पुलिस सखी की संकल्पना को  शहर पुलिस आयुक्त डाॅ. के. व्यंकटेशम ने तैयार किया।

शहर के 139 महिला छात्रावासों में इस दस्ते ने 1020 बार भेंट देकर वहां की छात्राओं की परेशानियों को जाना और उन्हें दूर किया। इस दस्ते को 40 से अधिक गंभीर शिकायतें इन छात्रावासों से मिली थीं उनमें छात्राओं के मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का बार-बार फोन कर उन्हें परेशान करने, छात्रावास की छत पर जबरन बाहरी युवक जाकर हंगामा खड़ा कर उन्हें परेशान करने, CCTV कैमरे नहीं होने, वार्डन द्वारा प्रताड़ित किए जाने, वार्डन नियुक्त किए जाने संबंधी व अन्य शिकायतें शामिल हैं। इनमें कई शिकायतों को पुलिस सखी ने सुलझाया, जो शिकायतें अपने स्तर पर नहीं सुलझा पाती हैं, तो उसे थाना स्तर पर सुलझाया जाता है।

ऐसे बनाया गया बड़ी कॉप्स
दस्ते की 24 जून 2017 को शुरुआत की गई। हालांकि 11 जुलाई 2017 को नागपुर में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहटाकर के हाथों इस अभिनव उपक्रम की विधिवत शुरुअात की गई। प्रत्येक छात्रावास में पुलिस सखी दस्ते ने शिकायत पत्र की पेटी लगा रखी है। इस शिकायत पत्र की पेटी की चाबी पुलिस सखी दस्ते के पास ही रहती है। मजे की बात यह है कि इसके लिए अलग से कोई पुलिस स्टाॅप नहीं लगाया गया है। थाने में ही कार्यरत पुलिस महिला अधिकारियों-कर्मचारियों के स्टाॅप को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया है। साधारणत: 3-4 महिला छात्रावास की निगरानी के लिए 2 महिला पुलिस अधिकारियों  को नियुक्त किया गया है।

पहले थे 117 होस्टल 
पुलिस सखी की प्रमुख व पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर ने बताया कि दस्ता बनाने का प्रमुख उद्देश्य यही है कि महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राओं की परेशानी समझना, उनसे दोस्ती पूर्ण संबंध बनाने, परिवार से दूर रहने वाली इन छात्राओं की समस्या को दूर करना है। शुरुआत में 117 महिला छात्रावास थे, जो मौजूदा समय में 139 हो गए हैं। इनमें कुछ थाने पुलिस आयुक्तालय से जुड़ जाने पर 22 नए महिला छात्रावास बढ़ गए हैं। गत एक वर्ष में  शहर के इन छात्रावासों में पुलिस सखी ने 8832 युवतियों से संपर्क कर उनसे उनकी समस्याएं जानी और उन्हें दूर किया। इस उपक्रम के अंतर्गत 36 वाट्सएप ग्रुप शुरू किए गए हैं, इससे 812 छात्राएं और महिलाएं जुड़ी हैं।

विश्वास की भावना निर्मित हुई  
महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राएं-महिलाएं अपनी परेशानी बताने में हिचकिचाया करती थीं, लेकिन बड़ी कॉप्स के गठन होने से वह अब खुलकर बातें करती हैं। अपनी समस्याएं बताती हैं। उनके अंदर विश्वास की भावना निर्माण हुई है। इसमें छात्राओं के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस कार्यक्रम मेें गुड टच और बैड टच के बारे में छात्राओं को बताया जाता है। 
(श्वेता खेडकर, पुलिस उपायुक्त व  बड़ी कॉप्स प्रमुख)

Created On :   16 Jun 2018 11:50 AM GMT

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