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फ्लैटधारक को इमरात की छत की मरम्मत में खर्च किए 46 लाख रुपए सोसायटी से वसूलने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक फ्लैट मालिक को इमारत की छत के मरम्मत में खर्च किए गए 46 लाख रुपए को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी से वसूल करने की अनुमति दी है। सोसायटी 1992 से मरम्मत कार्य की उपेक्षा कर रही थी। जिसके चलते बारिश के दिनों में फ्लैट धारक को लीकेज की समस्या का सामना करना पड़ता था। इससे पहले को-अपारेटिव अपीलेट प्राधिकरण ने फ्लैट धारक कृष्णा बजाज के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे भारतीय भवन को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड ने याचिका दायर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि यदि सोसायटी छत के मरम्मत का काम पूरा कर लेती तो फ्लैट धारक को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता और वह अपने फ्लैट का आनंद ले पाता। इस मामले में फ्लैट धारक शांतिपूर्ण ढंग से जीने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। न्यायमूर्ति ने इस मामले में सोसायटी पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है और जुर्माने की रकम फ्लैट धारक को देने का निर्देश दिया है। क्योंकि फ्लैट धारक ने अपनी परेशानी को लेकर सोसायटी के पास कई बार शिकायत दी थी। फ्लैट धारक के सोसायटी में दो फ्लैट है। 1992 में इमारत की छत में लीकेज के चलते फ्लैट धारक को परेशानी हो रही थी। अतीत में कोर्ट व मुंबई महानगरपालिका ने भी सोसायटी को इमारत का लीकेज दूर करने के संबंध में निर्देश दिए थे। सुनवाई के दौरान फ्लैट धारक ने न्यायमूर्ति के सामने दावा किया कि उसने इमारत की छत के मरम्मत व लीकेज को दूर करने के लिए 46 लाख 78 हजार 562 रुपए खर्च किए है। इससे पहले को-आपरेटिव कोर्ट ने फ्लैट धारक के दावे को रद्द कर दिया था लेकिन अपीलीय प्राधिकरण ने फ्लैट धारक के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने सुनवाई के बाद कायम रखा।
Created On :   19 Dec 2022 10:05 PM IST