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महाराष्ट्र के कई जिलों मेंं बाढ़ के हालात, विदर्भ में कई गांवों से संपर्क टूटा, सीएम और पीएम ने दिया मदद का भरोसा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश की बाढ़ की परिस्थिति को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बचाव और मदद कार्य के लिए राज्य को हर संभव मदद करेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए राहत कार्य की जानकारी दी। उन्होंने सरकार उपाय योजना के बारे में अवगत कराया। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सचिवालय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित रत्नागिरी और रायगड़ जिले में बचाव कार्य के लिए नौसेना और सेना की टुकडी उतरी है। मुख्यमंत्री लगातार दोनों जिलों से जानकारी ले रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद कोंकण अंचल के रायगड़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे जिले में बाढ़ की परिस्थिति है। रायगड़, ठाणे, रत्नागिरी और कोल्हापुर जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रत्नागिरी में हेलिकॉप्टर के जरिए मदद व राहत कार्य किया जा रहा है। एनडीआरएफ, तटरक्षक बल और नौसेना की टुकड़ी तैनात की गई है। वहीं पुणे संभाग में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सातार, सांगली और कोल्हापुर में भी एनडीआरएफ की टुकड़ी तैनात की गई है।
वर्धा जिले में दो दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है। बारिश के कारण समुद्रपुर तहसील के वाघाडी नाले में 70 वर्षीय महिला बह गई और दूसरी घटना में तास गांव के खेत से लौट रहा किसान बैलगाड़ी सहित नाले में बह गया। आर्वी तहसील में निम्न वर्धा बांध के तीन गेट खोले गए, जबकि हिंगणघाट तहसील के नाद बांध के 7 गेट खोले गए।
चंद्रपुर जिले में पिछले 48 घंटे से बारिश का सिलसिला जारी है। गुरुवार सुबह से दोपहर तक हुई जोरदार बारिश के चलते निचले इलाकों में पानी भर गया। नदी, नाले उफान पर बह रहे हैं। राजुरा तहसील में खेतों का काफी नुकसान हुआ है। भेदोडा निवासी चंदू गिलावार नामक व्यक्ति गांव समीप नाला पार करते समय पानी के तेज बहाव में बह गया। उधर भारी बारिश के कारण तहसील के खामोना, गोवरी, पांढरपौनी, बोडख़ा गांव के कई मकान धराशाई हो गए, तो कुछ क्षतिग्रस्त हुए।
गडचिरोली सहित भंडारा जिले में तीसरे दिन 22 जुलाई को बारिश का जोर कम रहा। हालांकि भंडारा तहसील में दिन भर बूंदाबांदी होती रही। इस बीच गोसीखुर्द बांध से गुरुवार की दोपहर 2 बजे 500 क्यूमेक्स तक पानी छोड़ा गया।
त्र्यंबकेश्वर में चार दिनों से लगातार बारीश
उधर नाशिक के त्र्यंबकेश्वर में झमाझम बारीश हो रही है। बुधवार शाम तक तहसील में 114 मिमि बारीश दर्ज हुई है। जबकी चौबीस घंटो में 224 मिमि बारिश हुई है। ब्रह्मगिरी, अंजंनेरी की पहाड़ियों से झरने बह रहे हैं।
विदर्भ के पांच जिलों में लगातार बारिश
नागपुर सहित विदर्भ के पांच जिलों में लगातार बारिश हो रही है। इस बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात निर्माण हो गए हैं। नदी-नाले उफान पर है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। कई घर ढह गए हैं। अलग- अलग जगहों पर 4 लोगों के बहने की भी जानकारी मिली है। अमरावती के पूर्णा प्रकल्प के सभी 9 गेट, सपन प्रकल्प के दो गेट खोल दिए गए हैं। गड़चिरोली जिले के मेडीगट्टा बैरेज के 85 में से 41 दरवाजे खोले गए हैं। वेकोलि के बल्लारपुर में कोयला उत्पादन कार्य ठप पड़ गया है।
अमरावती जिले में मंगलवार रात से लगातार बारिश हो रही है। इस बारिश के कारण सभी नदी-नाले उफान पर हैं, बांध लबालब होने लगे हैं। चांदुर बाजार तहसील की पूर्णा नदी में बाढ़ जैसे हालात हैं। बांधों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे पूर्णा प्रकल्प के सभी 9 गेट और अचलपुर तहसील के सपन प्रकल्प के दो गेट खोल दिए गए हैं। अंजनगांव तहसील की शहानूर नदी उफान पर रहने से इस प्रकल्प के भी दरवाजे खोल दिए गए। वहीं जिले के करीब 23 घर ढह गए हैं। वरूड़ बगाजी बांध के तीन दरवाजे खोले गए। मेलघाट में नदी-नाले उफान पर है। अचलपुर से बरहाणपुर महामार्ग का यातायात करीब चार घंटे तक ठप रहा। धारणी तहसील के दिया गांव के पास सिपना नदी उफान पर होने से पुल के ऊपर से पानी बहने लगा। 40 गांव का संपर्क टूट गया है। उमरखेड़ में मूसलाधार बारिश के चलते पैनगंगा नदी में बाढ़ आ गई है।
रेल सेवा हुई प्रभावित
भारी बरसात के बाद पटरियों पर मिट्टी पत्थर गिरने के चलते मध्य रेलवे के टिटवाला-इगतपुरी और अंबरनाथ-लोनावला के बीच रेल सेवा ठप हो गई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक गाड़ियों की आवाजाही बहाल करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसके चलते कई ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं और कुछ गाड़ियां रद्द कर दी गईं हैं। लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम को कसारा में तैनात रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक भारी बारिश के चलते 21 जगहों पर पटरियों पर अवरोध उत्पन्न हुए हैं। अंबरनाथ से बदलापुर के बीच पटरियों को साफ कर रेल सेवा बहाल कर दिया गया है जबकि दूसरे मार्गों पर काम जारी है।
करीब 6 हजार यात्रियों को एसटी ने पहुंचाया
कसारा घाट में पटरियों पर पत्थर गिरने के चलते रेलगाड़ियों में फंसे यात्रियों की मदद के लिए राज्य परिवहन की 133 बसें चलाई गईं। शाम चार बजे तक इन बसों की मदद से 5800 से ज्यादा रेल यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका था। परिवहन मंत्री अनिल परब ने यह जानकारी दी। ठाणे एसटी ने 93 और नासिक एसटी ने 40 बसें उपलब्ध कराईं। मुंबई-पुणे के बीच भी रेल सेवा ठप होने के चलते पुणे से मुंबई की ओर आने वाले यात्रियों के लिए 65 जबकि मुंबई से पुणे के लिए 9 बसें चलाई गईं।
कोल्हापुर में एनडीआरएफ की दो टुकड़ी पहुंची
राज्य के रत्नागिरी, रायगढ, ठाणे जिलों समेत कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते हजारों लोगों की जान मुश्किल में फंस गई है। एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव के काम में जुटी हुईं हैं और लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। रत्नागिरी में हालात सबसे ज्यादा खराब है। यहां के चिपलून शहर के ज्यादातर हिस्से जलमग्न हैं। जलजमाव के चलते एनडीआरएफ की टीमों को फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में मुुश्किल हो रही है। रत्नागिरी में एनडीआरएफ की चार टीमें भेजी गईं हैं उम्मीद है कि गुरूवार देर रात तक टीमें पहुंच जाएगी। इसके अलावा मुंबई, ठाणे और पालघर में भी जलजमाव वाले इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव के काम में जुटी हुईं हैं। ठाणे के कल्याण, बदलापुर, भिवंडी के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। एनडीआरएफ के कमांडेट अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमें भेजी जा रहीं हैं और हम स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क में हैं। जहां जरूरत होगी जवानों को हवाई सेवा का इस्तेमाल कर जवानों को राहत और बचाव के काम के लिए पहुंचाया जाएगा। रत्नागिरी के चिपलून शहर में हालात सबसे ज्यादा खराब है। वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रत्नागिरी, रायगढ़ ने बाढ़ के चलते उपजे हालात के मद्देनजर आला अधिकारियों के साथ बैठक की और स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन मशीनरी, साथ ही अन्य संबंधित विभागों को सतर्क रहते हुए बचाव कार्य करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि नदियों के निरंतर बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को सहयोग करे। मुख्यमंत्री ठाकरे ने प्रशासन को जरूरत पड़ने पर कोविड मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को भी कहा। मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि एनडीआरएफ की टुकड़ियां, स्थानीय पुलिस, अग्निशमन दल के जवान और कोस्ट गार्ड के जवान स्थानीय नागरिकों की मदद लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खेड, चिपलून, लांजा, राजापुर, संगमेश्वर इन शहरों और परिसर के गांवों में सरकारी मशीनरी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, स्थलांतरित करने और अन्य मदद कार्य जोर-शोर से शुरू किया है।
Created On :   22 July 2021 10:18 PM IST