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पूर्व कार चालक ने डॉक्टर का किया किडनैप, मांगी 10 लाख की फिरौती , आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दस लाख रुपए की फिरौती के लिए पूर्व कार चालक द्वारा अपने साथी की मदद से डॉक्टर का अपहरण कर लिया गया। डॉक्टर से 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई, लेकिन डॉ. द्वारा उतनी रकम देने में असमर्थता जताने पर उन्हें अपहरणकर्ताओं ने छोड़ दिया। बाद में डॉक्टर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जिमखाना में पत्र परिषद में यह जानकारी जोन क्र. 4 की उपायुक्त निर्मलादेवी ने दी है।
जयप्रकाश नगर निवासी डॉ. केदार शरद जोशी (50) का भांडे प्लाट चौक में एक्स-रे और सोनोग्राफी सेंटर है। शनिवार की रात करीब पौने दस बजे उन्होंने अपने क्लीनिक में काम करने वाले कर्मचारी योगेश इंगोले को अपनी कार क्र.एमएच 49 बी 3702 की चाबी दी और कार में भोजन का खाली डिब्बा रखने के लिए दिए। इसके कुछ सेकंड बाद डॉ. केदार भी घर जाने के लिए कार के पास पहुंचे। उसी समय आरोपी रोशन अशोक राऊत (30) न्यू सुभेदार ले-आउट निवासी और उसके मित्र जुगनू उर्फ प्रीतम ज्ञानेश्वर वानखेड़े (30) संजय गांधी नगर निवासी ने डॉ. केदार का उन्हीं की कार से अपहरण किया। अपहरण के बाद उन्हें लगभग दो घंटे तक शहर भर में घुमाते रहा और गाड़ी में ही बंधक बनाकर रखा। डॉ. केदार को छोड़ने के बदले में उनसे दस लाख रुपए की मांग की गई, अन्यथा छत्तीसगढ़ के रायपुर में ले जाकर जान से मार देने की धमकी दी गई।
डॉ. केदार ने अपहरणकर्ता के हाथ पैरे-जोड़े और उन्हें छोड़ देने के लिए कहा। डॉ. केदार ने कहा कि जितनी रकम की मांग की जा रही है, उतनी रकम उनके पास नहीं है, जिससे सेंटर एवेन्यू रोड पर डॉ. साबू के दवाखाने के पास एक गली में डॉ. केदार को उनकी कार समेत छोड़ दिया गया। इसके बाद वह घर पहुंचे। घटना से डॉ. केदार सदमे थे, जिससे एक दिन उन्होंने घटना के बारे में किसी को भी नहीं बताया। इस बीच पुलिस विभाग में रहे कुछ अपने मित्रों और परिचितों से घटना को लेकर चर्चा की। उसके बाद उनकी सलाह पर शनिवार की रात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों आरोपियों को रविवार की रात उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को अदालत में पेश कर चार दिन के पीसीआर में लिया गया है। पत्र परिषद में जोन क्र.चार के निरीक्षक अजय सिद्द आदि मौजूद थे।
सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिखे आरोपी
घटना के दौरान बारिश हो रही थी। आरोपी सीसीटीवी कैमरे में तो कैद हो गए हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। प्रीतम आशिंक रूप से दिव्यांग है। वह लंगड़ाते हुए चलता है, जिससे पुलिस ने अनुमान लगाया है कि संभवत: यही आरोपी है। कैमरों को खंगालते हुए पुलिस आरोपियों के घर तक पहुंची। डॉ. केदार ने भी उनकी पहचान अपरणकर्ताओं के रूप में की है।
गल्ले से चोरी करता था
करीब 7-8 वर्ष पहले प्रीतम, डॉ. केदार के यहां कार चालक था। उस वक्त वह उनके सोनेग्राफी व एक्स-रे सेेंटर के गल्ले से रुपए चोरी करता था। एक बार डॉ. केदार ने उसे चोरी करते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया और नौकरी से हटा दिया। प्रीतम को यह पता था कि डॉ. केदार के पास हमेशा 30-40 हजार रुपए रहते हैं। घटना के एक दिन पहले शुक्रवार को उसने यह बात अपने मित्र रोशन को बताया कि उनका अहपरण कर मोटी रकम वसूल सकते हैं। उस समय तो रोशन ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन दूसरे दिन डॉ. केदार का अपहरण करने और फिरौती वसूलने की हामी भरी थी। रोशन बिरयानी सेंटर चलाता है। अापराधिक गतिविधियों में भी दोनों लिप्त रहे हैं। सक्करदरा और हुड़केश्वर थाने में उनके खिलाफ चोरी, लूटपाट और वसूली के मामले दर्ज हैं।
Created On :   1 Oct 2019 1:04 PM IST