मुक्तिधाम न होने से पांच घंटे तक रूका रहा मृतक का अंतिम संस्कार

Funeral of the deceased stopped for five hours due to absence of muktidham
मुक्तिधाम न होने से पांच घंटे तक रूका रहा मृतक का अंतिम संस्कार
मुक्तिधाम न होने से पांच घंटे तक रूका रहा मृतक का अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क,पन्ना। जिले के पन्ना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम इटवांकला मढ़ैयन में शासकीय मुक्तिधाम न होने के चलते वहां पर भूमिहीन परिवारो के लिये अपने परिजनो के अंतिम संस्कार के लिये भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । कई बार ग्राम वासियो द्वारा एक सार्वजनिक मुक्तिधाम बनवाने के लिये शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया गया मगर आजादी के 73 साल बाद भी मढ़ैयन ग्राम में मुक्तिधाम का निर्माण नही हो सका है।

बीच सड़क पर रखा शव

प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के 90 वर्षीय वृद्ध झल्ला साहू की मृत्यु हो जाने के उपरांत आज सुबह 7 बजे से ही उनके पुत्र रामचरण, द्वारका साहू अंतिम संस्कार करने के लिए जमीन की तलाश कर रहे थे मगर किसी ने भी अपनी निजी जमीन पर वृद्ध पिता का अंतिम संस्कार करने के लिये अनुमति नहीं दी। इस असमंजस के कारण पीडि़त दोनो पुत्रो ने शव को गांव की बीच गली में रख लिया और घटना की जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचायी गयी।

सूचना पाते ही एसडीएम पन्ना घटना स्थल पर पहुंचे

सूचना पाते ही एसडीएम पन्ना बी.बी.पाण्डेय तत्काल ही राजस्व अमले के साथ ग्राम मढ़ैयन पहुंचे और ग्रामवासियो की समस्या को सुना गया। उनके द्वारा दोनो हल्का पटवारियो से पूर्व के शमशान घाटो के बारे में जानकारी ली गयी जिससे यह पता चला कि गांव के समीप दो शासकीय जमीने है जिसमें सर्वसम्मति से मुक्तिधाम निर्माण कराये जाने का आश्वासन दिया गया । मृतक के चचेरे भाईयों से उनकी निजी जमीन पर अंतिम संस्कार करवाने कहा गया।

वर्षों से चली आ रही समसया

ज्ञात हो कि आज से करीब 10 वर्ष के अंतराल में श्याम सुंदर विश्वकर्मा की मां एवं पुत्र के लिये भी अंतिम संस्कार के दौरान जमीन का अभाव होने के चलते इसी प्रकार की परेशानियो का सामना करना पड़ा था जिसके बाद इटवांकला निवासी वेदनारायण विश्वकर्मा ने अपने मढ़ैयन हार की जमीन पर अंतिम संस्कार करवाने की सहमति प्रदान की थी। मगर इसके बावजूद प्रशासन द्वारा दो से तीन हजार आबादी वाले ग्राम में मुक्तिधाम का निर्माण कार्य नही किया गया जिसके चलते आज फिर 90 वर्षीय वृद्ध का शव करीब पांच घंटे तक अंतिम संस्कार के लिये घर के दरबाजे पर ही रखा रहा। 
 

Created On :   17 Aug 2019 1:21 PM IST

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