शह और मात का खेल, पिपरे पास, 14 पार्षद फेल

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
 गड़चिरोली शह और मात का खेल, पिपरे पास, 14 पार्षद फेल

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। नगर परिषद की अध्यक्ष योगीता पिपरे मामले में बुधवार की शाम उच्च न्यायालय ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया है। उच्च न्यायालय ने राज्य के नगर विकास मंत्रालय के नगराध्यक्ष के अपात्रता के आदेश को रद्द करते हुए नगराध्यक्ष पद पर योगीता पिपरे के ही बनी रहने का आदेश दिया है। जिसके चलते अब गुरुवार को होने जा रहे नगराध्यक्ष पद के चुनाव को जिला चुनाव विभाग ने स्थगित कर दिया है। उच्च न्यायालय द्वारा नगराध्यक्ष पद पर पिपरे के बने रहने का आदेश प्राप्त होते ही शहर में उनके खेमे के पार्षदों व कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। यहां बता दें कि, सरकार की निधि से अपने निजी वाहन का डीजल खर्च करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के कुल 14 पार्षदों ने अपने खेमे की ही नगराध्यक्ष योगीता पिपरे के खिलाफ जिलाधिकारी से शिकायत की थी।

यह मामला नगर विकास मंत्रालय से जुड़ा होने के कारण इस मामले की कड़ी जांच करते हुए मंत्रालय ने नगराध्यक्ष पिपरे को दोषी करार दिया और 16 नवंबर 2021 को उन्हें नगराध्यक्ष पद से अपात्र घोषित कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ नगराध्यक्ष पिपरे ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर फैसला सुनाने के पूर्व ही जिला चुनाव विभाग ने गत 3 दिसंबर को रिक्त नगराध्यक्ष पद के चुनाव घोषित कर दिए थे। चुनाव के लिए भाजपा की ही अल्का अनिल पोहणकर और पूजा बोबाटे ने अपने नामांकन भी दाखिल किए थे। चुनाव विभाग ने गुरुवार के चुनाव के लिए अपनी सारी तैयारियां पूर्ण कर ली थी। 

इस बीच बुधवार देर शाम उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार, नगराध्यक्ष पद पर योगीता पिपरे ही अब बनी रहेगी। यह मामला विचाराधीन होने के बाद भी जिला चुनाव विभाग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने पर उच्च न्यायालय ने इस सारी प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया है। इस संदर्भ में जिला चुनाव विभाग ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि, गुरुवार को आयाेजित नगराध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। फलस्वरूप अब योगीता पिपरे नगराध्यक्ष पद का अपना पूरा कार्यकाल पूर्ण करेंगी। 

जिलाध्यक्ष ने दिए बागी पार्षदों पर कार्रवाई करने के संकेत                                                               

भाजपा के जिलाध्यक्ष किसन नागदेवे ने इस संदर्भ मंे अपना बयान जारी करते हुए उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। साथ ही अपने ही खेमे में रहकर अपने ही नगराध्यक्ष के खिलाफ काम करने वाले बागी पार्षदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। 

 

Created On :   9 Dec 2021 1:39 PM GMT

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