अपने ही ड्राइवर से डरता था आंबेकर , दुश्मनी के बीज बो कर करवा दी थी दो साथियों की हत्या

Gangster Santosh Ambekar had his driver murdered
अपने ही ड्राइवर से डरता था आंबेकर , दुश्मनी के बीज बो कर करवा दी थी दो साथियों की हत्या
अपने ही ड्राइवर से डरता था आंबेकर , दुश्मनी के बीज बो कर करवा दी थी दो साथियों की हत्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  गैंगस्टर संतोष आंबेकर के आलीशान बंगले पर मनपा के अतिक्रमण निर्मूलन दस्ते ने कार्रवाई तो कर दी, लेकिन क्षेत्र के लोगों के मन में दहशत अभी भी बरकरार है। लोगों को यही लगता है कि संतोष आंबेकर कभी भी जेल से छूटकर आ सकता है। इस बार अपराध शाखा पुलिस के शिकंजे में यह शातिर फंसा है। इससे साफ है कि बाहर आना इतना आसान नहीं होगा। संतोष आंबेकर के करीबी रहे बाल्या गावंडे और भवानी के बीच दुश्मनी के अंकुर बोकर उसने बाल्या के हाथों भवानी की हत्या करा दी थी। बाद में अपने गुर्गों की मदद से संतोष आंबेकर ने बाल्या का भी कांटा निकाल दिया। भवानी और बाल्या ने संतोष आंबेकर से अलग होकर अपना एक जुआ अड्डा संचालित कर दिया था। यह जुआ अड्डा अमित नामक दोस्त के घर पर बाल्या और भवानी चलाया करते थे। इन दोनों ने अपनी एक अलग से टीम तैयार कर ली थी। इसका नाम "गोल्डन गैंग" रखा था। यह बात जब संतोष आंबेकर को उसकी शादी में पता चली थी, तब वह अंदर ही अंदर बेहद खफा था। यह बात उसके करीबी साथी रहे (वर्तमान में उसके करीबी नहीं हैं) कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताई।

पैसे के दम पर कई बार छूट चुका है संतोष आंबेकर
संतोष आंबेकर के अपराधों की लंबी फेहरिस्त है। कुछ अपराध जो उजागर हो गए, कुछ ऐसे भी अपराध हैं, जिसका मास्टर माइंड तो संतोष आंबेकर ही रहा लेकिन उसका कभी नाम सामने नहीं आया। कुछ वारदातों में जब संतोष आंबेकर का नाम उछला तो पैसे के दम पर सबकुछ मैनेज हो गया। संतोष आंबेकर के बारे में सूत्र बताते हैं कि वह जिस गुरु के पास बदमाशी के पैंतरे सीखे, उसी का खात्मा करने की साजिश रची। उस पर बेटे की महिला मित्र के साथ दुष्कर्म तक का आरोप है। 

डरता था संतोष
सूत्रों की मानें तो कई राज ऐसे हैं, जो पुलिसवालों की बदौलत हमेशा के लिए दब गए हैं। बाल्या और भवानी ने अपना धंधा शुरू किया तो आंबेकर बुरी तरह परेशान था। भवानी तो संतोष का कार चालक था। भवानी की निर्भीकता के कारण संतोष को डर सताने लगा था। संतोष को लगने लगा था कि भवानी और बाल्या कहीं उस पर भारी न पड़ने लगें। यह बात सोचकर संतोष ने दोनों को निपटाने का मन बनाया। उसने भवानी और बाल्या के बीच दुश्मनी के बीज बो दिए। यह बात न तो बाल्या समझ पाया और न ही भवानी। 

भवानी और बाल्या नहीं समझ पाए आंबेकर की फितरत और मारे गए
अगर संतोष आंबेकर की इस फितरत को भवानी और बाल्या समझ जाते तो कदाचित आज दोनों ही जीवित रहते। बाल्या गावंडे ने ही कॉटन मार्केट चौक के पास भवानी का पीछे से चाकू से गला काट दिया था। घटना की रात बाल्या और भवानी वर्धा रोड पर 5-6 साथियों के साथ शराब पीने गए थे। वहां से वापस लौटते समय बाल्या और भवानी के बीच विवाद होने पर बाल्या ने भवानी का खात्मा कर दिया। बाद में संतोष आंबेकर ने अपने भरोसेमंद सावजी की मदद से बाल्या को रास्ते से हटा दिया। बाल्या और भवानी के परिजनों ने आवाज तो उठाने की कोशिश की थी मगर उनकी उस समय नहीं सुनी गई। उल्टा परिवार को ही धमकियां मिलने लगी थीं। अपने बेटे खाेने वाले परिवारों ने खामोश रहना ही बेहतर समझा था। बाल्या गावंडे की जनवरी 2017 में हत्या कर दी गई। इसमें भी संतोष के साथ उसके शार्पशूटर कहे जानेवाले सावजी का नाम सामने आया था। वर्ष 2010 में भवानी की हत्या हुई । इस समय भी संतोष आंबेकर का नाम सामने आया था।

Created On :   3 March 2020 2:28 PM IST

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