पुणे में हर्षोल्लास के साथ गणपति बप्पा की विदाई

ganpati visarjan celebrated with joy
पुणे में हर्षोल्लास के साथ गणपति बप्पा की विदाई
पुणे में हर्षोल्लास के साथ गणपति बप्पा की विदाई

डिजिटल डेस्क, पुणे। मंगलवार को पुणे गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष तुम फिर से आना के जयघेाष से गूंज उठा। पूरे पुणे में गणेश विसर्जन जुलूस हर्षोल्लास के साथ पूरा हुआ। शतकोत्तर रजत महोत्सव वर्ष होने के कारण इस वर्ष पूरा गणेशोत्सव विशेष रहा। 

मंगलवार की सुबह 10.30 बजे सब्जी मंडी स्थित लोकमान्य तिलक की प्रतिमा से ग्रामदेवता तथा सम्मान के पहले कसबा गणपति शोभायात्रा शुरू हुई। चांदी की पालकी में गणेश मूर्ति विराजमान थी। शोभा यात्रा मार्ग पर आकर्षक रंगोली बनाई गईं थी। जिले के अभिभावक मंत्री गिरीष बापट, महापौर मुक्ता तिलक ने गणेश मूर्ति तथा तिलक की प्रतिमा को फूलों की माला पहनाकर महापौर के हाथों आरती हुई और शोभायात्रा आगे बढ़ी।

उसके बाद सम्मान के दूसरे तांबड़ी जोगेश्वरी गणपति चांदी की पालकी में, सम्मान के तीसरे गुरूजी तालीम गणपति पारंपारिक वाद्य के फुलों के रथ में, सम्मान के चाैथे तुलशीबाग फुलों से सजे हुए गरूड़ रथ तथा पांचवें केसरी वाड़ा गणपति की पालकी में शोभायात्रा निकाली गई। पारंपारिक वेशभूषा में शामिल हुए युवक, युवतियां, आकर्षक झांकियां, सजावट किए हुए रथ, सनई, नगारा, ढोल, ताशा का वादन, बैण्ड आदि के कारण शहर में उत्साहपूर्ण माहौल रहा। स्कूली छात्रों का ढोल पथक, विविध ढोल पथकों के युवा-युवतियां जोश से कला प्रस्तूत कर रहे थे।

पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों का कला पथक
तांबड़ी जोगेश्वरी गणपति की शोभायात्रा में सिम्बायोसिस ईशान्य केन्द्र के पूर्वोत्तर राज्याें के छात्र, छात्रओं का कला पथक सहभागी अपनी पारंपारिक वेशेभूषा के साथ सहभागी हुआ था। उन्होंने अपनी कला प्रस्तूत की। इस गणपति मंडल पर पिछले साल पुलिस ने ध्वनीप्रदूषण का मामला दर्ज किया था। इसलिए पुलिस का निषेध करने हेतु मंडल ने तिलक प्रतिमा से गणपति चौराहे तक ढोल, ताशा, बैण्ड तथा नगारा वादन रोक दिया था।

साहसी खेलों का प्रस्तूतीकरण  
तुलशीबाग गणपति के सामने स्कूली छात्रों ने मल्लखांब यह साहसी खेल का प्रस्तूतीकरण किया। छोटे छोटे बच्चे स्तंभ पर चढ़कर अपनी कला दिखा रहे थे और लोगों की तालियां बटोर रहे थे। शोभायात्रा मराठी कलाकारों का ढोल पथक भी सहभागी हुआ था। पिछले साल की तरह इस साल भी सम्मान के पांचों गणपतियों का विसर्जन मनपा द्वारा निर्माण किए गए पानी की टंकी में किया गया।

श्रीमंत दगडूशेठ गणपति का धूम्रवर्ण रथ
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति की मूर्ति 126 साल पुराने लकड़ी के रथ में सवार थी। रथ को विद्युत रोशणाई की गई थी। अखिल मंडई मंडल द्वारा जगदंब रथ तैयार किय गया था। रथ पर तुलजाभवानी माता की मूर्ति रखी गई थी। श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति धूम्रवर्ण रथ में सवार थे। इस रथ आठ स्तंभ थे। रथ पर लाखों मोतिया रंग के दियों की रोशणाई की गई थी। मंडल द्वारा पर्यावरण रक्षा का संदेश देने हेतु पर्यावरण रथ भी तैयार किया गया था।  

Created On :   5 Sept 2017 8:00 PM IST

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