सरकारी सेनेटरी नैपकिन्स खरीदने में छात्राओं को इंट्रस्ट नहीं, अब जागरुकता अभियान शुरू

Girls not showing interest in buying Sanitary napkins from asmita scheme
सरकारी सेनेटरी नैपकिन्स खरीदने में छात्राओं को इंट्रस्ट नहीं, अब जागरुकता अभियान शुरू
सरकारी सेनेटरी नैपकिन्स खरीदने में छात्राओं को इंट्रस्ट नहीं, अब जागरुकता अभियान शुरू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार की अस्मिता योजना के तहत राज्य में जिला परिषद के स्कूलों की छात्राएं सेनेटरी नैपकिन खरीदने में कम रुचि दिखा रही हैं। राज्य के 34 जिलों में जिला परिषद के स्कूलों की 2 लाख 78 हजार छात्राओं को अस्मिता कार्ड दिया गया है पर इसका इस्तेमाल  कर सिर्फ 2500 छात्राएं ही सेनेटरी नैपकिन खरीद रही हैं। प्रदेश में अस्मिता योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान (एमएसआरएलएम) के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि जिला परिषद स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राएं सेनेटरी नैपकिन खरीदने में  संकोच कर रही हैं। कई स्कूलों की छात्राएं इसको खरीदने में हिचकती हैं। यह बात हमारे संज्ञान में आते ही अब जिला परिषद स्कूलों में सेनेटरी नैपकिन के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सेनेटरी नैपकिन के उपयोग और उसके इस्तेमाल के फायदे बताने के लिए छात्राओं को पत्रक बांटे जा रहे हैं।

सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार अस्मिता योजना के लिए जिला परिषद में पढ़ने वाली 3 लाख 60 हजार 523 छात्राओं ने पंजीयन कराया है। जिसमें से 2 लाख 78 छात्राओं को अस्मिता कार्ड दिया जा चुका है। जबकि 57 हजार 564 छात्राओं के डेटा का मिलान अभी तक नहीं हो पाया है। अस्मिता योजना जिला परिषद स्कूलों में पढ़ने वाली 11 से 19 साल की छात्राओं के लिए लागू है।

योजना का लाभ लेने के लिए छात्राओं को अस्मिता कार्ड बनवाना पड़ता है। इसके जरिए छात्राओं को प्रति महीने 5 रुपए देकर 8 सेनेटरी नैपकिन वाले एक पैकेट को खरीदना पड़ता है। जबकि सरकार प्रति पैकेट 15 रुपए 20 पैसे कि सब्सिडी देती है। सेनेटरी नैपकिन बनाने का काम स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं करती हैं। इस योजना की शुरुआत पिछले साल मार्च महीने में की गई थी।

सरकार ने योजना के लिए धनराशि जुटाने के लिए अस्मिता फंड शुरू किया है। अब तक 587 प्रायोजकों ने 11712 छात्राओं के लिए फंड दिया है। जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे, अभिनेता अक्षय कुमार सहित अन्य हस्तियों का समावेश है। हालांकि योजना के शुरुआती दौरे के बाद अब ज्यादा लोग फंड देने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

अस्मिता कार्ड पाने वाली छात्राएं 

राज्य में अहमदनगर जिला परिषद स्कूलों की 9250, नागपुर की 603, अकोला की 2767, अमरावती की 10767, औरंगाबाद की 7682, बीड़ की 13037, भंडारा की 4101, बुलढाणा की 2419, चंद्रपुर की 4352, गडचिरोली की 3511, गोंदिया की 8721, वर्धा की 1710, वाशिम की 2386, यवतमाल की 4087, उस्मानाबाद की 9189, नांदेड़ की 2918, जलगांव की 6614, हिंगोली की 6411, जालना की 17886, लातूर की 8572, नाशिक की 353 छात्राओं को अस्मिता कार्ड मिल चुका है। पहले चरण में 7 लाख छात्राओं को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। 

Created On :   31 Aug 2018 4:11 PM GMT

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