शारीरिक क्षमता जांच में आदिवासी युवाओं को 5 सेंटीमीटर की छूट दें

Give 5 cm relaxation to tribal youth in physical ability test
शारीरिक क्षमता जांच में आदिवासी युवाओं को 5 सेंटीमीटर की छूट दें
अमरावती शारीरिक क्षमता जांच में आदिवासी युवाओं को 5 सेंटीमीटर की छूट दें

डिजिटल डेस्क, अमरावती. आदिवासी युवाओं को केंद्रीय लोकसेवा आयोग ने ऊंचाई बाबत 5 सेंमी की छूट दी है। जबकि महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की ओर से ऊंचाई को लेकर छूट नहीं दी जा रही। जिससे स्पर्धा परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद केंद्र के अलग नियम और राज्य के अलग नियम कैसे इस तरह का प्रश्न ट्रायबल फोरम ने उपस्थित करते हुए यूपीएससी की तर्ज पर एमपीएससी में नियमावली लागू करनी चाहिए। इस तरह की मांग की है। 

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग द्वारा राज्य में पुलिस उपअधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त, अधीक्षक राज्य उत्पादन शुल्क, सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपनिरीक्षक विविध पदों के लिए शारीरिक क्षमता टेस्ट ली जाती हैं। इस शारीरिक क्षमता की परीक्षा में ऊंचाई में आदिवासी युवाओं पर अन्याय हो रहा है। ऊंचाई में 5 सेमी की छूट देने की मांग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के सचिव से की गई है। 

यूपीएससी ने छूट मात्र एमपीएससी से सख्ती कैसे, इस तरह का प्रश्न भी उपस्थित किया गया है। जिससे एक ही उम्मीदवार ऊंचाई में फर्क के कारण यूपीएससी में पात्र मात्र एमपीएससी में अपात्र साबित हो रहा है। आदिवासी समाज के उम्मीदवार  जिद से परिश्रम कर स्पर्धा परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए काफी परिश्रम कर रहे हैं। किंतु नैसर्गिक रूप से आदिवासियों की ऊंचाई अन्यों से कम है। ऊंचाई में मात्र 2/3 सेमी के फर्क से उन्हें स्पर्धा से हटाया जाता है। शिखर पर जाकर उन्हें लौटना पड़ता है। कई बार प्रयास करने पर भी उम्मीदवारों के हाथों निराशा आती है। केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने संघ लोकसेवा आयोग द्वारा ली जानेवाली भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय रेलवे, प्रोटेक्शन फोर्स गट अ व अन्य केंद्रीय पुलिस सेवा अंतर्गत होनेवाली श्रेणी अ व श्रेणी ब की पदभरती के लिए शारीरिक क्षमता परीक्षा में 165 सेमी ऊंचाई अनिवार्य की है। किंतु इसमें आदिवासी पुरुष उम्मीदवार के लिए 160 सेमी व महिला उम्मीदवार के लिए 145 सेंमी इस तरह दोनों को भी पात्रता के लिए 5 सेमी की छूट दी है। किंतु यह छूट महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के निदर्शन में अब तक नहीं आई।

आदिवासी समाज के साथ हो रहा अन्याय

नरेश गेडाम, जिला कार्याध्यक्ष, ट्रायबल फोर्स के मुताबिक भारतीय संविधान की धारा 350 के तहत 1 मई 1960 को लोकसेवा आयोग स्थापित किया गया। तभी से इस घटनात्मक आयोग पर आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। जिसके चलते यह अन्याय हो रहा है। 
 

Created On :   7 Nov 2022 5:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story