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फर्जी डॉक्टर को जमानत देना समाज की सेहत के लिए खतरा, अदालत सख्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि फर्जी डाक्टर को जमानत देना समाज के स्वास्थ्य के लिए खतरा होगा। इसलिए आरोपी फर्जी डाक्टर को जमानत नहीं दी जा सकती है। इस तरह हाईकोर्ट ने आरोपी डाक्टर के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एसके शिंदे ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि आरोपी महमूद फारुख शेख जिस अस्पताल को चलाता था वहां पर कोरोना काल में सात मरीजों की मौत हो गई थी। इसके अलावा आरोपी ने एक शख्स को मेडिकल की दुकान में 30 लाख रुपए लगाने को कहा था लेकिन बाद में पता चला कि आरोपी फर्जी डाक्टर है। इसके बाद आरोपी के खिलाफ पुणे के रांजनगांव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,465,467, 471 के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ पहले से दो आपराधिक मामले दर्ज थे।
न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े तथ्यो पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी खुद को डाक्टर महेश पाटिल बताता था और उसी के नाम की डिग्री का इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन जब एक शिकायतकर्ता ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में शिकायत की तो पता चला कि आरोपी फर्जी डाक्टर है। आरोपी ने शिकायतकर्ता को एक नए अस्पताल में पैसे लगाने को कहा था। शिकायतकर्ता ने आरोपी को पैसे भी दिए लेकिन अस्पताल को लेकर जब बात आगे नहीं बढी तो आरोपी की पोल खुल गई।
इस दौरान सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया कि आरोपी जिस श्री मोरया मल्टी स्पेशालिटी अस्पताल को चलाता था वहां पर कोरोना काल में सात मरीजों की मौत हुई है। इस तरह न्यायमूर्ति ने आरोपी के खिलाफ दायर आरोपपत्र को देखने के बाद कहा कि आरोपी को जमानत देना समाज की सेहत के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   18 Nov 2022 9:50 PM IST