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डॉ. दामोदर खड़से को गोयनका हिंदी साहित्य पुरस्कार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कवि-कथाकार डॉ. दामोदर खड़से के उपन्यास "बादल राग"को साहित्य के क्षेत्र का प्रतिष्ठित सम्मान "गोयनका हिंदी साहित्य पुरस्कार" दिया जा रहा है। पुरस्कार के तहत एक लाख ग्यारह हजार की राशि और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। डॉ. खड़से के अलावा मीठेस निर्मोही, डॉ. हरीश नवल, डॉ. बीना फुदकी और चांदकौर जोशी का चयन भी पुरस्कारों के लिए हुआ है।
इससे पहले डॉ. खडसे के "कालासूरज" उपन्यास को भारत सरकार की ओर से तत्कालिन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के हाथों "राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार’ प्रदान किया गया था। साथ ही, केन्द्रीय हिंदी संस्थान का "गंगाशरण सिंह सम्मान’ राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. खडसे ने विविध विधाओं में लेखन किया है। उनके चार उपन्यास, आठ कथा संग्रह, नौ कविता संग्रह,समीक्षा व साक्षात्कार की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने बीस कृतियों का मराठी से हिंदी में अनुवाद किया है। मराठी के चर्चित उपन्यास "बारोमास’ के अनुवाद के लिए उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया है। साथ ही, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र की साहित्य अकादमियों ने उन्हें सम्मानित किया है।
डॉ. खड़से के "बादल राग" उपन्यास का मराठी और कन्नड़ अनुवाद प्रकाशित हुआ है, जबकि अंग्रेजी व गुजराती का अनुवाद प्रकाशनाधीन है।
Created On :   26 March 2021 6:32 PM IST