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अच्छी खबर - शहडोल जिला कोरोना फ्री, तीनों मरीज ठीक होकर पहुंचे घर
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले के तीनों कोरोना मरीज स्वस्थ हो गए हैं। शहडोल मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती तीनों मरीजों को सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। जिला प्रशासन और हॉस्पिटल के स्टाफ ने तालियां बजाते हुए पुष्प वर्षा कर तीनों को घर के लिए रवाना किया। इस तरह अब जिले में एक भी कोरोना पॉजीटिव नहीं है। हालांकि जिला अभी ग्रीन जोन में नहीं आया है। कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार 21 दिन तक कोरोना का कोई भी नया केस सामने नहीं आने पर जिला ग्रीन जोन में माना जाएगा।
जिले में पाए गए कोरोना के तीनों मरीज बाहर से आए थे। लेदरा निवासी 15 वर्षीय मोनिका बैगा गंजबसौदा विदिशा से, बरेली में मिला 26 वर्षीय भरत सिंह अहमदनगर महाराष्ट्र से और 60 वर्षीय कुवरिया कोल खुरई सागर से आई थी। जांच में तीनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी और इन्हें मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट किया गया था। तीनों की रिपोर्ट लगातार निगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया तथा एम्बुलेंस से घर रवाना किया गया। इस मौके पर विधायक जयसिंहनगर जय सिंहनगर मरावी, नपा अध्यक्ष उर्मिला कटारे, कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, एसपी सत्येन्द्र शुक्ला, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. मिलिन्द शिलारकर, सिविल सर्जन डॉ. वीएस बारिया आदि मौजूद रहे। इन तीनों को समझाइश दी गई है कि घर जाकर सामाजिक दूरी बनाए रखें तथा गांव में लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन के प्रोटोकॉल को आत्मसात करने एवं सोशल डिस्टेसिंग करने तथा मॉस्क का उपयोग के लिए प्रेरित करें।
बीच-बीच में लगाया ऑक्सीजन
कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद मोनिका बैगा और भरत सिंह को 27 अप्रैल व कुवरिया कोल को 29 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। तीनों को आइसोलेशन वार्ड में अलग-अलग कमरे में भर्ती किया गया था। 10 मई तक तीनों का इलाज चला। इलाज और देखभाल के लिए तीनों शिफ्टों में दो-दो डॉक्टर और दो-दो नर्स की ड्यूटी रहती थी। हर शिफ्ट में दो से तीन बार मरीजों का पल्स, बीपी, टेम्प्रेचर व ऑक्सीजन सेजुरेशन को मॉनीटर किया जाता था। तीनों को बीच-बीच में दो से तीन बार ऑक्सीजन भी लो क्वांटिटी में दिया गया है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन कारगर
मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. नागेंद्र सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान तीनों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और मल्टीविटाविन व विटामिन सी की गोलियां दी गई हैं। इसके अलावा एंटीहिस्टेमिक दवाइयां भी दी गई हैं। एंटीहिस्टेमिक दवाइयां एंटी एलर्जिक की तरह ही गले में खरास को कंट्रोल करने, सर्दी की रोकथाम और छींक आदि को रोकने के लिए दी जाती हैं। इसके साथ ही मरीजों को डाइट चार्ट के अनुसार अगल-अलग भोजन दिया जाता है। खांसी की शिकायत होने पर ऑक्सीजन भी दिया जाता है, ताकि दिक्कत न हो।
एक्सरसाइज भी करवाया जाता था
तीनों मरीजों का स्वास्थ्य सामान्य था, इसलिए सामान्य इलाज ही चलता रहा। इसके आइसोलेशन वार्ड में इलाज के साथ-साथ मरीजों को कुछ एक्सरसाइज भी करवाए जाते थे। साथ ही मरीजों को पॉजीटिव रखने के लिए समझाइश दी जाती थी, ताकि वे बीमारी के डर से उबर सकें। उनको बताया जाता था कि घबराने की जरूरत नहीं है, धैर्य बनाए रखें जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। मरीज पूरे समय अपने कमरे में ही रहते थे। कुछ समय के लिए कमरे के बाहर एक-एक करके गैलरी में उन्हें घूमने दिया जाता था। इसके लिए गैलरी में एक लाइन बना दी गई थी।
दो और संदिग्ध मरीज भर्ती, भेजा सैंपल
मेडिकल कॉलेज में जहां सोमवार को तीनों मरीजों को छुट्टी दे दी गई, वहीं दो कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती किए गए हैं। दोनों ब्यौहारी के अलहरा गांव के रहने वाले हैं। दोनों में किसी तरह के लक्ष्ण तो नहीं दिख रहे हैं, लेकिन सतना में कोरोना पॉजीटिव मिले मरीज के साथ ही बस में बैठकर ये लोग यहां आए हैं। ये दोनों व्यक्ति 25 वर्षीय विनय केवट और 24 वर्षीय जीवनलाल केवट दो दिन पहले ही सूरत गुजरात से आए हैं। सतना में कोरोना पॉजीटिव की जानकारी मिलने पर दोनों को सोमवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट मंगलवार तक आने की उम्मीद है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में अब तक तीन कोरोना मरीजों के साथ अब तक कुल 12 लोगों को भर्ती कराया गया है। इनमें से तीनों मरीजों सहित 9 लोगोंं को रिपोर्ट निगेटिव आने और स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं एक संदिग्ध मरीज की मौत हो चुकी है। हालांकि उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। वह पीलिया से पीडि़त था। अब सोमवार को भर्ती हुए दोनों मरीजों की रिपोर्ट आनी है।
Created On :   12 May 2020 2:05 PM IST