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गोसीखुर्द सिंचाई घोटाला : 11 मामलों में कार्रवाई की अनुमति नहीं मिली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोसीखुर्द सिंचाई घोटाला प्रकरण काफी समय से लंबित पड़ा है। इस प्रकरण को लेकर कई बार उथल-पुथल मचती रही है। इस मामले को लेकर कई वर्ष हो चुके हैं। इस प्रकरण में पूर्व उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार का नाम अभी तक के मामले में सामने नही आया है। यह जानकारी शनिवार को पत्र परिषद के दौरान एसीबी की अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर ने एक सवाल के जवाब में दी। प्रकरण की जांच कर रहे नागपुर एसीबी का पवार के नाम पर विराम लगाकर मानों उन्हें एक तरह से क्लीन चिट ही दे दी हो। गोसीखुर्द सिंचाई घोटाले में अब तक 20 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसमें 4 मामले न्याय प्रविष्ट हैं और 1 में आरोपियों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। 4 मामलों की जांच जारी है। 11 मामले में आरोपी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति मांगी गई है। अब तक दर्ज किए गए मामलों में कहीं पर भी अजित पवार आरोपी नहीं हैं, एक तरह से यह पवार के लिए क्लीन चिट जैसा ही है। एसीबी के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, प्रकरण की जांच अब भी चल रही है, क्लीन चिट जैसी कोई बात नहीं है, जिसकी भूमिका सामने आएगी, आला अधिकारियों के निर्णय के अनुसार मामला दर्ज किया जाएगा। शनिवार को चर्चा के दौरान एसीबी की अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर द्वारा गोसीखुर्द और अन्य 16 सिंचाई प्रकल्प घोटाले जानकारी साझा की गई। सूत्रों के अनुसार कुल 17 प्रोजेक्ट में टेंडरों की संख्या 302 है। इनमें गोसीखुर्द घोटाले की जांच के पहले चरण में निविदाओं की संख्या 195 है, जबकि अन्य की संख्या 107 है।
गोसीखुर्द प्रकल्प के दूसरे चरण में 155 निविदाओं की जांच चल रही है। ऐसे 21 मामले मुख्यालय को भेजे गए हैं, जिनमें एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है। 4 प्रकरण पुलिस अधीक्षक के पास जांच के लिए रखे हैं और जांच अधिकारी के पास 129 मामले प्रलंबित हैं। अन्य सिंचाई घोटाले में निविदाओं की संख्या 107 है। 38 मामले ऐसे हैं, जिनमें एफआईआर नहीं हो सकती, लेकिन विभागीय कार्रवाई के लिए 38 प्रकरण भेजे गए हैं। 6 मामलों की जांच अधीक्षक स्तर पर चल रही है और 63 मामले जांच अधिकारी के पास प्रलंबित हैं। दर्ज हो चुके 20 प्रकरणों में से 11 मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अब तक अनुमति नहीं मिली है। अन्य 20 मामलों की जांच अभी चल रही है, जिनमें 7 मामलों में एफआईआर की जा सकती है, उसके लिए प्रस्ताव मुख्यालय में भेजे जाने की जानकारी मिली है। जिसमें एफआईआर नहीं हो सकती है, ऐसे 3 मामले मुख्यालय को भेजे गए हैं। 4 मामले जांच अधिकारी के पास प्रलंबित हैं और बाकी 6 में एफआईआर नहीं हो सकती।
Created On :   3 Nov 2019 4:41 PM IST