धारा 332 और 353 को लेकर कानून में संशोधन कर सकती है सरकार

Government can amend the law regarding section 332 and 353
धारा 332 और 353 को लेकर कानून में संशोधन कर सकती है सरकार
कानून के गलत इस्तेमाल का आरोप धारा 332 और 353 को लेकर कानून में संशोधन कर सकती है सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अधिकारियों द्वारा आईपीसी की धारा 332 और 353 के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के चुनिंदा सदस्यों के साथ बैठक कर सरकार आगे के कदम पर विचार करेगी और जरूरत पड़ने पर कानून में संशोधन किया जाएगा। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि अधिवेशन खत्म होने से पहले इस मामले पर बैठक बुलाई जाएगी।शिवसेना के आशीष जैस्वाल, बालाजी किणीकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया था। जैस्वाल ने कहा कि अधिकारी इस कानून का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा के नितेश राणे ने कहा कि सभी पार्टियों के सदस्य इसके ‘लाभार्थी’ हैं इसलिए इस पर विचार किए जाने की जरूरत है हम अधिकारियों के पास निजी काम के लिए नहीं जाते। दूसरे सदस्यों ने भी इसे लेकर सवाल उठाए। जवाब में गृहमंत्री वलसे पाटील ने कहा कि इससे पहले भी यह मुद्दा उठता रहा है। 2018 में सुनील प्रभू और राधाकृष्ण विखेपाटिल ने भी विशेषाधिकार हनन के माध्यम से यह मुद्दा उठाया था। उसके बाद कानून में सुधार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी लेकिन इसकी एक भी बैठक नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि समिति का पुनर्गठन कर इस मामले पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 353 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नहीं हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले होते हैं। सरकारी कर्मचारियों पर हमले होते हैं कानून ऐसे मामलों के लिए बनाया गया है। सदस्यों की भावना को देखते हुए इसके दुरुपयोग को लेकर विचार किया जाएगा और जरूरत होने पर बदलाव किया जाएगा। 

Created On :   22 March 2022 9:10 PM IST

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