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फीस बढ़ाने से रोकने का आदेश जारी नहीं कर सकती सरकार, हाईकोर्ट में वकील का दावा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार सिर्फ शासनादेश जारी कर निजी गैर अनुदानित स्कूल की फीस में कटौती अथवा फीस बढ़ाने से रोकने का आदेश जारी नहीं कर सकती है। मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने यह दलीलें दी। उन्होंने कहा कि फीस नियंत्रण को लेकर साल 2011 से कानून है। जिसमें फीस के नियमन का प्रावधान किया गया है। इस कानून में फीस के संबंध में निर्बंध भी लगाए गए हैं। इसलिए सरकार कानून में बदलाव किए बिना सिर्फ शासनादेश के जरिए निजी गैर अनुदानित स्कूलों को फीस न बढ़ाने के संबंध में निर्देश जारी नहीं कर सकती है।
राज्य सरकार ने 8 मई 2020 को शासनादेश जारी कर सभी बोर्ड की निजी स्कूलों को साल 2020-21में फीस न बढ़ाने के विषय में निर्देश जारी किया था। जिसके खिलाफ एसोसिएशन ऑफ इंडियन स्कूल, ग्लोबल एजुकेशन फाउंडेशन, ज्ञानेश्वर माउली संस्था व अन्य एजुकेशन ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर निर्देश जारी किया है। इसलिए यह शासनादेश नियमों के विपरीत है। लिहाजा इसे रद्द किया जाए। सरकार आपदा प्रबंधन कानून को आधार बनाकर भी ऐसा शासनादेश जारी नहीं कर सकती। तीन महीने पहले हाईकोर्ट ने सरकार के इस शासनादेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी और याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया था। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान श्री साठे ने उपरोक्त दलीलें दी। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   6 Oct 2020 8:30 PM IST