रोजगार मेला योजना का नाम बदला, मराठवाड़ा में वॉटर ग्रिड परियोजना का काम होगा शुरू

Government changed the name of employment fair scheme
रोजगार मेला योजना का नाम बदला, मराठवाड़ा में वॉटर ग्रिड परियोजना का काम होगा शुरू
रोजगार मेला योजना का नाम बदला, मराठवाड़ा में वॉटर ग्रिड परियोजना का काम होगा शुरू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने रोजगार मेला योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयालय उपाध्याय रोजगार मेला कर दिया है। सोमवार को सरकार के कौशल्य विकास व उद्यमिता विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। राज्य में रोजगार व स्वयंरोजगार नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नई मुंबई स्थित कौशल्य विकास रोजगार व उद्यमिता निदेशालय के आयुक्त के माध्यम से रोजगार मेला आयोजित किया जाता है। इसके जरिए सुशिक्षिक बेरोजगारों को रोजगार व स्वयंरोजगार उपलब्ध करने की दृष्टि से कंपनी, व्यापारी और बेरोजगारों का एकत्रित मेला आयोजित किया जाता है। इसके माध्यम से युवाओं को नई नौकरियों के अवसर मिलते हैं।

मराठवाड़ा में वॉटर ग्रिड परियोजना का काम छह महीने में शुरू
इसके अलावा मराठवाड़ा में वॉटर ग्रिड परियोजना का काम अगले छह महीनों में शुरू हो जाएगा। सोमवार को मंत्रालय में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने यह जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वॉटर ग्रिड परियोजना के लिए इजराइल से मदद ली जा रही है। इसके लिए इजराइल ने अभी तक 3 रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दिया है।

लोणीकर ने कहा कि मानूसन की बेरुखी के कारण आने वाले दिनों में मराठवाड़ा में जल संकट गहरा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में फिलहाल 182 टैंकरों के जरिए जलापूर्ति हो रही है। सबसे अधिक टैंकरों का उपयोग मराठवाड़ा में हो रहा है। लोणीकर ने कहा कि मराठवाड़ा में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। संभाग में लगभग 80 प्रतिशत भूजल का उपयोग होता है। इसलिए सरकार बोरबेल की खुदाई को लेकर सख्त रुख अपना सकती है। 

Created On :   1 Oct 2018 3:23 PM GMT

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