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कपास उत्पादक किसानों को भुगतान के लिए 1500 करोड़ के कर्ज की सरकारी गारंटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदे गए कपास के लिए किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए विपणन महासंघ के 1500 करोड़ रुपए कर्ज को सरकार की गारंटी देने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। किसानों को कपास के भुगतान के लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी कपास उत्पादक विपणन महासंघ द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 6.35 प्रतिशत ब्याज दर से लिए जाने वाले 1500 करोड़ रुपए कर्ज के लिए सरकार गारंटी देगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने सरकार की गारंटी के लिए विपणन महासंघ की ओर से वसूले जाने वाले गारंटी शुल्क को भी माफ कर दिया है। सीजन 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने मध्यम धागे के कपास के लिए 5515 प्रति क्विंटल और लंबे धागे के कपास के लिए 5825 प्रति क्विंटल एमएसपी निश्चित की है। राज्य में अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम के कारण इस सत्र में 400 लाख क्विंटल कापस के उत्पादन का अनुमान है। कपास के अंतरराष्ट्रीय बाजार और खुले बाजार में भाव कम होने से कपास विपणन महासंघ को पिछले साल से ज्यादा कपास खरीदना पड़ रहा है।
निजी बैकों को सरकारी बैंकिंग व्यवहार करने की अनुमति
राज्य में निजी बैंकों को मर्यादित स्वरूप में सरकारी बैंकिंग व्यवहार करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे सरकार की ओर से मंजूर निजी बैंकों में वेतन व भत्ते के लिए सरकारी कार्यालयों के बैंक खाते खोले जा सकेंगे। लेकिन वेतन और भत्ते के अलावा अन्य कोई निधि जमा नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा पेंशनधारक अपनी इच्छा से सरकार द्वारा मंजूर निजी बैंकों में खाता खुलवा सकते हैं। इसके लिए निजी बैंकों को सरकार के पास स्वतंत्र रूप से करार करना आवश्यक होगा। इच्छुक निजी बैंकों को 28 फरवरी 2021 तक वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजना होगा। मंत्रिमंडल के इस फैसले से सरकारी विभाग निजी बैंकों की मदद से कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली व सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में एमपीएससी की याचिका से सरकार नाराज
राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की ओर से सुप्रीम कोर्ट दायर किए गए हस्तक्षेप आवेदन पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नाराजगी जताई गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच के निर्देश दिए हैं। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत कई मंत्रियों ने राज्य सरकार की भूमिका के खिलाफ एमपीएससी के आवेदन पर रोष व्यक्त किया। एमपीएससी ने सुप्रीम में मराठा आरक्षण पर रोक लगाए जाने से पहले 2018 में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगाने को लेकर आवेदन किया था। सूत्रों के अनुसार इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार एमपीएससी की ओर से कोर्ट में आवेदन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर मराठा समाज के नेता विनोद पाटील ने कहा कि एमपीएससी राज्य सरकार के अधीन है। इसलिए एमपीएससी ने किसको पूछकर याचिका दाखिल की इसकी जांच होनी चाहिए
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।