राज्यपाल मनोनित सीट के लिए नाम नहीं भेज रही सरकार, कोश्यारी ने कहा- मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त

Government not sending name for Governor-nominated seat - Koshyari
राज्यपाल मनोनित सीट के लिए नाम नहीं भेज रही सरकार, कोश्यारी ने कहा- मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त
राज्यपाल मनोनित सीट के लिए नाम नहीं भेज रही सरकार, कोश्यारी ने कहा- मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद की राज्यपाल मनोनित रिक्त 12 सीटों पर नियुक्ति में हो रहे देरी के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यहां तो स्थिति "मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’ वाली है। जिनको नाम भेजना है, वे नाम ही नहीं भेज रहे हैं। शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल के एक साल के कार्यकाल पर आधारित कॉफी टेबल बुक "जन राज्यपालः भगत सिंह कोश्यारी’ के विमोचन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कोश्यारी ने यह बात कही। विधानपरिषद की राज्यपाल मनोनित सीटों पर नियुक्ति में हो रही देरी की बाबत पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि हमारे यहां हिंदी में एक कहावत है, "मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि मैं तो 2 माह से नाम आने का इंतजार कर रहा हूं। कंगना मामले में नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि मैंने तो कही नाराजगी नहीं जताई। बीते 5 सितंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाले राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि इन एक सालों के दौरान मैंने राज्य के हर कोने में जाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र के 35 जिलों में से 20 जिलों का दौरा किया। 

कोश्यारी ने कहा कि जैसे ही मैं महाराष्ट्र में राज्यपाल के तौर पर आया यहां अतिवृष्टि से किसानों का भारी नुकसान हुआ था। विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई जिसकी वजह से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। मेरी हालत सिर मुडाते ही ओले पड़ने वाली हो गई। इस दौरान सरकारी खजाने की हालत ठीक होने के बावजूद मैंने किसानों के लिए 8 हजार करोड़ की राहत राशि घोषित की और किसानों को तुरंत राहत राशि बांटने का निर्देश दिया। 

पत्रकारों से चर्चा के दौरान राज्यपाल ने कहा कि मेरा राज्य सरकार से कोई टकराव नहीं है। मैं किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं करता। उद्धव जी से मेरी बात होती रहती है। वे सज्जन व्यक्ति हैं। उद्घव ठाकरे मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान शपथ लेते नेताओं के नाम लेने पर मंत्रियों को टोकने के मसले पर राज्यपाल ने कहा कि इसको लेकर नियम बनाया जाना चाहिए। मंत्रियों को मेरा टोकना कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा था पर मैं सही बात बोलने से नहीं हिचकता। 

अपने एक साल के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मुझे लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है। मैं घूमंतू प्रवृत्ति का आदमी हूं। इस एक साल में 225 से अधिक कार्यक्रमों में शामिल हुआ। जब मैं कोल्हापुर विश्वविद्यालय में गया तो वहां के लोगों ने मुझे बताया कि आप 16 साल बाद यहां आने वाले राज्यपाल हैं। मुझे आश्चर्य हुआ कि इतने वर्षों तक इस विश्वविद्यालय का कोई कुलाधिपति यहां आया ही नहीं। उन्होंने बताया कि इस दौरान मैं गडचिरोली व  नंदुरबार के दूर दराज के गांवों में गया और गांव में ही रात्रि विश्राम किया। मुझे गांव के लोगों से मिल कर अच्छा लगा। कोश्यारी ने कहा कि कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए।  

पहले नहीं देखा ऐसा सक्रिय राज्यपाल 

राज्यपाल ने कहा कि एक साल में काफी मराठी सीख गया हूं। यदि एक साल और यहां रह गया, तो मराठी बोलनी भी आ जाएगी। राजभवन के जन सम्पर्क अधिकारी उमेश काशीकर ने कहा कि यह पुस्तक राजभवन की वेबसाईट पर भी उपलब्ध कराई गई है। काशीकर ने कहा कि मैं लंबे समय से राजभवन में हूं पर कोश्यारी की सक्रियता काबिले तारीफ है। पहले पांच से सात लोग राजभवन राज्यपाल महोदय से मुलाकात करने आते थे, कोश्यारी प्रतिदिन 50 से 60 लोगों से मुलाकात करते हैं।        

 

Created On :   11 Sep 2020 3:16 PM GMT

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