डीजे के विरोध में महाराष्ट्र सरकार, हाईकोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित

Government opposes DJ, High Court kept reserved decision
डीजे के विरोध में महाराष्ट्र सरकार, हाईकोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित
डीजे के विरोध में महाराष्ट्र सरकार, हाईकोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने त्यौहारों के दौरान डीजे बजाने की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका प्रोफेशनल आडियों व लाइटिंग एसोसिएशन ने दायर की थी। बुधवार को न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने त्यौहारों के दौरान डीजे के इस्तेमाल को जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे काफी ज्यादा ध्वनि प्रदूषण होता है। क्योंकि इसकी शुरुआत की अावाज ही इतनी तेज है कि नियमों के तहत इसको बजाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। संभवत: यही वजह है कि याचिका में डीजे से आने वाली न्यूनतम व अधिकतम आवाज कितनी होगी इसका उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जब डीजे बजने लगता है तो पुलिस के लिए स्थिति को नियंत्रित कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि इस मामले में पुलिस के हाथ को कमजोर न किया जाए। सरकारी अधिकारी डीजे के चलते हुए नियमों के उल्लंघन से जुड़े आकड़ों को इकट्ठा कर रहे हैं। यह जानकारी अगली सुनवाई के दौरान हलफनामे के रुप में पेश की जाएगी। 

जबकि याचिकाकर्ता के वकील एसबी तलेकर ने कहा कि सरकार केवल पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के माध्यम से डीजे उपकरणों को सील करने का निर्देश दे रही है। सरकार महज प्रशासनिक आदेश के जरिए यह कार्रवाई नहीं कर सकती। इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए। मेरे मुवक्किल के पास सिर्फ डीजे व डाल्बी सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले स्पीकर हैं। इन उपकरणों को रखना अपराध नहीं है। फिर भी मेरे मुवक्किलों को नोटिस देकर पांच साल की जेल व आर्थिक जुर्माना लगाने का खौफ दिखाकर कार्रवाई कि जा रही है। यह नियमों के खिलाफ है। सरकार ने डीजे के विषय में कोई अध्ययन नहीं किया है उसने एक आम आदेश के जरिए डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया है। दोनों पक्षों  दलीले सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मिली जानकारी के अनुसार खंडपीठ शुक्रवार को अपना फैसला सुना सकती है। 

 

Created On :   19 Sep 2018 4:24 PM GMT

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