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पदोन्नती में आरक्षण रद्द करने वाले शासनादेश पर लगेगी रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में पिछड़े वर्ग के सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने वाले राज्य सरकार के बीते 7 मई के शासनादेश पर अस्थायी रूप से रोक लगाई जाएगी। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने यह जानकारी दी। राऊत ने बगैर सबको विश्वास में लिए जल्दबाजी में शासनादेश जारी करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। बुधवार को मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षणरद्द करने को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड भी मौजूद थीं। पत्रकारों से बातचीत मेंराऊत ने कहा कि हमने सरकार से 7 मई के शासनादेश को रद्द करने की मांग की।
राऊत ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति को विश्वास में लिए बगैर शासनादेश जारी किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने इसको स्वीकार किया है। इसलिए हमने कर्मचारियों के पदोन्नति पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की है। जिसके अनुसार 7 मई के शासनादेश को अस्थायी रूप से लागू नहीं किया जाएगा। राऊत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नेक्वांटिफाइड डाटा समेत जिन अन्य बिन्दुओं के बारे में पूछा है उस पर मुख्य सचिव की सीताराम कुंटे की अध्यक्षता वाली समिति की कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है। इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी को जुटाएंगे। इसके बाद वह कुंटे को सौंपेंगे। जिसको सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इससे पहले सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने बीते 7 मई को शासनादेश जारी करके पदोन्नति के आरक्षण को रद्द कर दिया था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहकर पदोन्नति वाले रिक्त सीटों पर वरिष्ठता के अनुसार पदों को भरने के निर्देश दिए थे।
Created On :   19 May 2021 10:03 PM IST