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12 वीं तक मराठी अनिवार्य करने पर विचार कर रही सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार सभी माध्यम व बोर्ड के स्कूलों में कक्षा 10वीं या 12वीं तक मराठी अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने मंगलवार को विधानसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस बाबत जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। हालांकि तावडे ने कहा कि इसके लिए विधानसभा में कानून बनाने की बजाय महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को मामले में फैसले का अधिकार दिया जाना चाहिए।
12 वीं तक मराठी अनिवार्य करने पर विचार कर रही सरकार
फिलहाल महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में 10वीं कक्षा तक मराठी अनिवार्य विषय है लेकिन दूसरे शिक्षा बोर्ड के लिए यह वैकल्पिक है। राकांपा नेता अजित पवार ने मराठी भाषा गौरव दिन के मौके पर विधानसभा में 10वीं कक्षा तक कभी बोर्ड के स्कूलों में मराठी अनिवार्य किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत इस बाबत फैसला लेकर आगामी सत्र से इसे लागू कर देना चाहिए। राकांपा के ही जयंत पाटील ने भी उनका समर्थन किया। अजित पवार ने कहा कि सदन में बैठे कई लोग ऐसे हैं जो अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़े हैं और मराठी में सवाल पूछने या जवाब देने में हिचकिचाते हैं।
शिक्षामंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बेलगांव में रहने वालों को अनिवार्य रूप से कन्नड भाषा पढ़नी पड़ती है। सदन के एक सदस्य को अपनी जमीन से जुड़े कागजात पढ़ने में काफी मुश्किल हुई क्योंकि वह कन्नड भाषा में था। उन्होंने कहा कि अब ज्यादातर बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ रहे हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में मराठी भाषा का क्या हाल होगा यह समझा जा सकता है। तावडे ने कहा कि सरकार भी इस बात से सहमत है इसीलिए इस संबंध में कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन इस संबंध में बोर्ड को फैसला लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
Created On :   27 Feb 2018 9:09 PM IST