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सरकार ने कहा - टीका आने से पहले नहीं खोल सकते स्कूल, दिव्यांग बच्चों को दे रहे ऑनलाइन शिक्षा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह कोरोना संकट के बीच राज्य भर में दिव्यांग बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रही है। इन बच्चों को यह शिक्षा विशेष स्कूलों व गैर सरकारी संस्था की ओर से चलाए जाने वाले प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से दी जा रही है। राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त सचिव ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी हैं। यह हलफनामा अनमप्रेम नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने सामान्य बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की है लेकिन दिव्यांग व मूक बधिर बच्चों की शिक्षा के बारे में कोई निर्णय नहीं किया है। सरकार इस मामले में पर्सन विथ डिसएबिलिटी कानून के प्रावधानों को भी लागू नहीं कर रही है। हलफनामे में कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण अभी नियंत्रित नहीं हुआ है। इसलिए जब तक कोरोना का टीका नहीं आ जाता है तब तक बच्चों की शारिरिक रुप से क्लास नहीं ली जा सकती हैं। सरकार दिशा एप के जरिए बच्चों को पढ़ा रही है। दिव्यांग आयुक्तालय की ओर से ई लर्निंग का प्रस्ताव जून बनाया गया था। इसके लिए एक नोडल एजेंसी भी नियुक्त की गई है।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने दी जानकारी
हलफनामे के मुताबिक जूम, वाट्सएप व अन्य एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। मूक बधिर व मानसिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों का मोबाईल फोन पर ग्रुप बनाया गया है। ये शिक्षक इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी ठोस उपाय कर रही है।
Created On :   25 Aug 2020 8:27 PM IST