उद्धव ने कहा - बामी कंपनियों से किश्त की राशि वापस लेकर किसानों में बांटे सरकार

Government should be recover installment from Bima companies and distribute in farmers
उद्धव ने कहा - बामी कंपनियों से किश्त की राशि वापस लेकर किसानों में बांटे सरकार
उद्धव ने कहा - बामी कंपनियों से किश्त की राशि वापस लेकर किसानों में बांटे सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सत्ताधारी शिवसेना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर फिर से आक्रामक हो गई है। शुक्रवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से फसल बीमा योजना के लिए अपात्र ठहराए गए किसानों की बीमा कंपनियों को किश्त के रूप में दी गई राशि को वापस लेकर उसको किसानों में बांटने की मांग की है। मातोश्री में पत्रकारों से बातचीत में उद्धव ने कहा कि साल 2018 में खरीफ फसल के लिए 1 करोड़ 44 लाख किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया था। इसमें से 53 लाख किसान फसल बीमा के लिए पात्र ठहराए गए जबकि 90 लाख किसानों को अपात्र घोषित किया गया है। इन 90 लाख किसानों के किश्त के रूप में बीमा कंपनियों को 2 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। अब सरकार बीमा कंपनियों से यह राशि वापस लेकर उसको किसानों में बांट देना चाहिए। यदि किसानों को मदद नहीं मिली तो शिवसेना आंदोलन करेगी। उद्धव ने कहा कि पार्टी को पहले किसानों को फसल बीमा नहीं मिलने को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद पार्टी की ओर से किसानों के लिए मदद केंद्र शुरू किए गए थे। जिससे अब तक लगभग 10 लाख किसानों को 960 करोड़ रुपए अब तक मिल चुके हैं। 

उद्धव ने कहा कि फसल बीमा योजना के लिए किसान प्रीमियम किश्त की केवल 2 प्रतिशत राशि भरते हैं जबकि 98 प्रतिशत राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बीमा कंपनियों को देती है। यह पैसा करदाताओं का होता है। लेकिन बीमा कंपनी किसानों को नुकसान भरपाई नहीं देती हैं। फसल बीमा योजना एक बड़ा घोटाला है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई होनी चाहिए। उद्धव ने कहा कि फसल बीमा के मुद्दे पर शिवसेना के सभी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। शिवसेना ने प्रधानमंत्री से फसल बीमा योजना में संशोधन करने की मांग की है। उद्धव ने कहा कि किसानों को फसल बीमा योजना के लिए राजस्व मंडल के बजाय गांवों को आधार मानना चाहिए। उद्धव ने कहा कि मुझे पता चला है कि वाशिम की किसान सोनाली राठौड को 2 एकड़ फसल बीमा की नुकसान के लिए  के लिए नुकसान भरपाई के लिए 102 रुपए मिले हैं। जबकि महिला ने 1600 रुपए किश्त के रूप में भरा था। इसी बीच उद्धव ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियां 15 प्रतिशत सेवा कर वसूलती हैं। बिजली कंपनियों के पास 2 हजार 188 करोड़ रुपए है। यह पैसा भी किसानों को मिलना चाहिए। 

Created On :   24 Aug 2019 3:22 PM IST

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