दो चीनों मिलों के बीच की दूरी वाली शर्त समाप्त करे सरकार-  राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

Government should end the condition of distance between two sugar mills.
दो चीनों मिलों के बीच की दूरी वाली शर्त समाप्त करे सरकार-  राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
 भाजपा के मित्रदल की मांग दो चीनों मिलों के बीच की दूरी वाली शर्त समाप्त करे सरकार-  राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी रयत क्रांति संगठन के अध्यक्षसदाभाऊ खोत दोचीनी मिलों के बीच 25 किलो मीटरकी दूरी की शर्त को समाप्त करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। सत्ता में भागीदारी दल के नेता खोत के इस आंदोलन से भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा हो सकती है। सोमवार को प्रदेश के पूर्व कृषि राज्य मंत्री खोत ने "दैनिक भास्कर' से बातचीत में बताया कि वे एक दिसंबर को सातारा में इस आंदोलन की शुरुआत करेंगे।इसके बाद अगले पांच-छह महीने तक राज्य भर में गांवों का दौरा कर आंदोलन के लिए किसानों का समर्थन जुटाएंगे। फिर अगले साल नवंबर महीने में दीपावली के बाद पुणे से मुंबई तक किसानों के साथ पदयात्रा करेंगे। 

फिलहाल दो चीनी मिलों के बीच 25 किलोमीटर के अंतर की शर्त

खोत ने कहा कि राज्य में फिलहाल दो चीनी मिलों के बीच 25 किलो मीटर का अंतर की शर्त लागू है। 25 किलो मीटर के भीतर दो चीनी मिलें नई बनाई जा सकती हैं। इससे चलते राज्य की चीनी मिलें मनमानी करती हैं। चीनी मिलों द्वारा किसानों को गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) नहीं दिया जाता है। चीनी मिलों के वजन काटे में भी दोष है। राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को कर्नाटक और गुजरात से कम एफआरपी मिलती है। यदि राज्य सरकार ने दो चीनी मिलों के बीच25 किलोमीटर की दूरी की शर्त को समाप्त कर दिया तो इससेप्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। नए चीनी मिलें स्थापित हो सकती हैं। राज्य के उद्योगपति भी चीनी उद्योग में निवेश करने का विचार करेंगे। सरकार सहकारिता के आधार परकिसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) को भी चीनी मिलों को शुरू करने का मौका दे सकती है।

चीनी मिलों पर नेताओं का कब्जा 

खोत ने कहा कि फिलहाल राज्य के चीनी मिलों पर राजनीतिक दलों के नेताओं का कब्जा है। राकांपा, कांग्रेस और भाजपा, शिवसेना सहित अन्य दलों के प्रभावशाली नेताओं की चीनी मिले हैं। यह नेता मिलकर दिल्ली तक चीनी उद्योग से जुड़ी नीतियों को प्रभावित करते हैं। इसलिए राज्य में सरकार बदल जाती है लेकिन नए चीनी कारखानेखोलने की नीति को लेकर कोई सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है। पूर्व में भाजपा सरकारने भी कोई बदलाव नहीं किया था। इस आंदोलन से भाजपा के नाराज होने के सवाल पर खोत ने कहा कि मैं किसानों का नेता हूं। मैंआंदोलन से निकल कर नेता बना हूं। यदि मुझे आगे चल कर कोई पद नहीं मिलेगा तब भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मेरे लिए किसानों का हित सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। 
 

Created On :   21 Nov 2022 10:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story