विकलांगों के अधिकारों के लिए अधिकारियों को जागरुक करे सरकार - हाईकोर्ट

Government should make aware officials about rights of disabled - HC
विकलांगों के अधिकारों के लिए अधिकारियों को जागरुक करे सरकार - हाईकोर्ट
विकलांगों के अधिकारों के लिए अधिकारियों को जागरुक करे सरकार - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि दिव्यांगों के अधिकारों को लेकर सरकारी अधिकारियों में जागरुकता फैलाने की जरुरत है। इसके लिए राज्य का सामाजिक न्याय विभाग आगे आकर पूरे राज्य में विभिन्न विभागों के सरकारी कार्यालयों में जागरुकता व प्रशिक्षण से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करे। जिसमें मुख्य रुप से यह बताया जाए कि पर्सन विथ डिसेबिलिटी एक्ट के प्रावधानों को कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने राष्ट्रीय अपंग विकास महासंघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद बाद यह निर्देश दिया। याचिका में मांग की गई है कि सभी स्थानीय निकायों के कुल बजट की राशि का तीन प्रतिशत हिस्सा  दिव्यांगों के लिए रखा जाए। और इस राशि का इस्तेमाल दिव्यांगों के लिए लाभकारी योजनाओं बनाने के लिए किया जाए। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता मिनाज ककालिया ने कहा कि दिव्यांगो के विकास के लिए स्टेट एक्सन प्लान बनाया गया था इसके तहत पर्सन विथ डिसेबिलिटी कानून को प्राथमिकता से लागू करने व दिव्यांगो के लिए लाभकारी योजनाएं बनाने व कार्य के दौरान उन्हें आनेवाली परेशानियों को दूर करने की रणनीति बनाई गई थी। पर्सन विथ डिसेबिलिटी कानून को आए तीन साल का वक्त बीत गया है लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है।

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि दिव्यांगों को सिर्फ सहयोग की जररुत है। यह तब होगा जब सरकारी अधिकारी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। खंडपीठ ने कहा कि दिव्यांगों के अधिकारों व उनसे जुड़े कानून के प्रति सरकारी अधिकारियों को जागरुक किए जाने की जरुरत है। इसलिए सरकार इसके लिए राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित करे। अतिरिक्त सरकारी वकील जी मैटोस ने कहा कि अदालत के निर्देश के तहत मामले को लेकर राज्य का सामाजिक न्याय विभाग उचित कदम उठाएगा। खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई एक माह बाद रखी है। 

 

Created On :   5 Nov 2019 4:32 PM GMT

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