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गिरफ्तारी से जुड़े दिशा-निर्देश सभी थाना प्रभारियों तक पहुंचाए सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। बांबे हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के कानून को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों को सभी पुलिस स्टेशनों के प्रभारियों तक पहुंचाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि यदि गिरफ्तारी से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होगा तो यह अनुशासनात्मक कार्रवाई को आमंत्रण देना होगा। न्यायमूर्ति भारती डागरे ने प्रवीण शिंदे की ओर से दायर अग्रिम जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद दिए गए आदेश में यह बात स्पष्ट की है। न्यायमूर्ति ने कहा है कि 30 अगस्त तक गिरफ्तारी के कानून से जुड़े दिशा-निर्देशों को सभी पुलिस स्टेशन के प्रभारियों तक पहुंचाया जाए। इसके साथ ही 15 दिन के भीतर गिरफ्तारी के कानून से संबंधित दिशा-निर्देशो को राज्य सरकार व पुलिस विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है। न्यायमूर्ति ने कहा है कि सभी पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दिशा-निर्देशों को हर पुलिस स्टेशनों तक पहुंचाए। ताकि इसे जांच अधिकारी के संज्ञान में लाया जाए।
गिरफ्तारी से पहले सबूतों का करें आकलन
इससे पहले सरकारी वकील ने न्यायमूर्ति के सामने सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसलों के आधार पर राज्य के पुलिस महानिदेशक की ओर से 20 जुलाई 2022 को जारी किए गए दिशा-निर्देशों की प्रति पेश की। जिसके मुताबिक जांच अधिकारी को किसी भी मामले में गिरफ्तारी से पहले साक्ष्य सामग्री की पर्याप्तता का आकलन करना होगा। इसके साथ ही यदि जांच अधिकारी को महसूस होता है कि आरोपी को गिरफ्तार करने की जरुरत नहीं है तो इसके लिए उसे कारणों का उल्लेख करना होगा और तय समय में इसकी जानकारी स्थानीय मजिस्ट्रेट को देनी होगी। इसके विपरीत यदि जांच अधिकारी को प्रतीत होता है कि आरोपी को गिरफ्तार करना आवश्यक है, तो इसके लिए उसे रिकार्ड में संतोषजनक कारण भी दर्ज करना होगा। इसके अलावा यदि जांच अधिकारी को आरोपी को गिरफ्तारी से पहले बुलाना है तो उसे आपारधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करे।
न्यायमूर्ति ने कहा है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक की ओर से गिरफ्तारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को वरिष्ठ अधिकारियों व जांच अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाए। ताकि इसका पालन सुनिश्चित किया जा सके। न्यायमूर्ति ने कहा कि उनके इस आदेश की प्रति राज्य के पुलिस महानिदेशक के सामने रखी जाए और वे आदेश के आदेश के अनुपानल को सुनिश्चित करे। न्यायमूर्ति ने कहा है कि इस मामले में जमानत आवेदनकर्ता को गिरफ्तारी से पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी की जाए। इस तरह से न्यायमूर्ति ने जमानत आवेदन का निपटारा कर दिया है।
Created On :   11 Aug 2022 9:11 PM IST