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एसटी कर्मचारियों को लेकर गठित समिति की रिपोर्ट पर 1 अप्रैल तक सरकार ले फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल (एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की मांग को लेकर मानवीय रुख अपनाते हुए गठित तीन सदस्यी कमेटी की रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों पर निर्णय लेने के लिए एक अप्रैल 2022 तक समय दिया है। अदालत ने कर्मचारियों से कहा है कि आत्महत्या करना उनकी समस्या का समाधान नहीं है लिहाजा हमारी सलाह है कि कर्मचारी सरकार की ओर से समिति की सिफारिशों पर फैसला लेने तक वे काम पर लौटें।
इस बीच कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना के चलते जान गंवानेवाले एसटी कर्मचारियों के परिजनों की ओर से मुआवजे की मांग को लेकर किए गए आवेदन पर शीघ्रता से निर्णय लेने को कहा है। कर्मचारियों के संगठन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सदाव्रते गुणरत्ने ने कहा कि कोरोना के दौरान जान गंवानेवाले 350 कर्मचारियों के परिजनों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है।
इस बात को जानने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार व एसटी महामंडल को शीघ्रता से कर्मचारियों के परिजनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत मुआवजे के लिए पात्र लोगों के आवेदन पर शीघ्रता से निर्णय लेकर उन्हें मुआवजे की राशि का भुगतान करने को कहा।
107 कर्मचारी कर चुके हैं आत्महत्या
इससे पहले अधिवक्ता सदाव्रते ने कहा कि हड़ताल के चलते अब तक 107 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि आत्महत्या करने से क्या कर्मचारियों की मांग पूरी हो जाएगी खंडपीठ ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों के लोग परिवहन सेवा से वंचित हैं। इसलिए कर्मचारी काम पर लौटे। इस बात पर अधिवक्ता सदाव्रते ने कहा कि कर्मचारी हड़ताल पर नहीं है वे आत्महत्या करनेवाले अपने साथी कर्मचारियों के शोक में है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एस नायडू ने कोर्ट में आवेदन दायर कर कहा कि राज्य सरकार को रिपोर्ट पर फैसला लेने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। सक्षम प्राधिकरण रिपोर्ट पर विचार कर रहा है। इसके बाद फिर रिपोर्ट को मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा। जो रिपोर्ट को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने के बारे फैसला करेंगी। रिपोर्ट पर निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरु हो गई है।
चार माह से चल रही हड़ताल
हाईकोर्ट में एसटी महामंडल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। गत चार माह से एसटी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारी के समान समझा जाए। कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट ने नवंबर 2021 को राज्य सरकार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी है। जिस पर सरकार को फैसला लेना है। खंडपीठ ने फिलहाल सरकार को अपने फैसले को लेकर एक अप्रैल तक हलफनामा दायर करने को कहा है। यह हम सरकार को फैसला लेने के लिए आखरी अवसर दे रहे हैं। इस बीच खंडपीठ ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों से अपेक्षित है कि वे कर्मचारियों की बातों को सहानुभूति पूर्वक सुने। कोर्ट ने 5 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   22 March 2022 8:48 PM IST