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बिजली बिल वसूली पर घिरी सरकार, राजू शेट्टी ने कहा - हिम्मत है तो काट कर दिखाएं कनेक्शन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में महावितरण के बकाया बिजली बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटने के आदेश पर राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। महाविकास आघाड़ी सरकार के सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष व पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने सरकार को बकाएदार घरेलू बिजली ग्राहकों का कनेक्शन काटने की चुनौती दी है। बिजली के बिलों को लेकर बुधवार को शेट्टी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत से मुलाकात की। वहीं राऊत ने लॉकडाउन के समय के बढ़े हुए बिजली बिल के माफी को लेकर हाथ खड़े कर लिए हैं।
राऊत ने कहा कि बिजली बिल माफी का फैसला मेरे हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल माफ करना राज्य सरकार का काम है। सरकार अपना काम करे। वह मेरा काम नहीं है। जबकि शेट्टी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से लॉकडाउन के समय के बढ़े हुए बिजली बिल को माफ करने की मांग की है। मैंने कहा है कि सरकार तीन महीने का बिजली बिल माफ करे। इसके बाद लोग आगे का बिजली बिल भरने के लिए तैयार हैं। शेट्टी ने कहा कि राज्य सरकार यदि सख्ती से बकाया बिजली बिल वसूली करने का प्रयास किया तो हम सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। सड़कों पर संघर्ष अटल है। इसलिए सरकार जल्द फैसला करे।
मुख्यमंत्री से मिलने से पहले शेट्टी ने कहा था कि कि सरकार में हिम्मत है तो ग्राहकों का बिजली कनेक्शन काटने का साहस करके दिखाए। इसके बाद राज्य सरकार के मंत्री प्रदेश का दौरा करके दिखाएं। घरेलू बिजली ग्राहक सख्ती से बिल वसूली कतई सहन नहीं करेगा।
ऊर्जामंत्री का कार्यालय चमकाने के लिए हैं पैसेः भाजपा
प्रदेश भाजपा के मीडिया विभाग प्रमुख विश्वास पाठक ने कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता दोबारा दिखी है। सरकार के पास बिजली बिल माफ करने के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन ऊर्जा मंत्री के कार्यालय पर खर्च करने के लिए पैसे हैं। सरकारी नियमों के अनुसार मंत्रियों को यात्रा के लिए निजी विमान का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। लेकिन ऊर्जा मंत्री राऊत बार बार मुंबई-नागपुर यात्रा चार्टर्ड विमान से कर उसका खर्च अपने अधीन आने वाले सरकारी कंपनियों पर लाद रहे हैं। यह कानून के दायरे में है क्या? इससे पहले महावितरण ने मंगलवार को कहा था कि दिसंबर 2020 तक राज्य में 63 हजार 740 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। इससे महावितरण की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
बिजली माफी का क्या हुआः मनसे
मनसे के नेता बाला नांदगावकर ने कहा कि महावितरण का तुगलकी फरमान है। सरकार ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है। ऊर्जा मंत्री राऊत दिवाली में खुशखबर देने वाले थे। 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने वाले थे। उनके घोषणा का क्या हुआ?
Created On :   20 Jan 2021 8:40 PM IST