पडसलगीकर को सेवा विस्तर न्यायसंगत, सरकार की अपील - याचिका खारिज करे हाईकोर्ट 

Government urged HC to dismiss petition filed against Padalagikars extension
पडसलगीकर को सेवा विस्तर न्यायसंगत, सरकार की अपील - याचिका खारिज करे हाईकोर्ट 
पडसलगीकर को सेवा विस्तर न्यायसंगत, सरकार की अपील - याचिका खारिज करे हाईकोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक दत्ता पडसलगीकर के सेवा विस्तार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दे। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने सेवा विस्तार को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपने अधिकारों के तहत व केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद पुलिस महानिदेशक को सेवा विस्तार दिया है। आल इंडिया सर्विस रूल में भी महत्वपूर्ण पद पर आसीन अधिकारी को तीन महीने के सेवा विस्तार का प्रावधान है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सरकार स्थिरता व जनहित में महानिदेशक पद पर आसीन अधिकारी को दो साल तक सेवा विस्तार दे सकती है। इन प्रावधानों के तहत हमने केंद्र सरकार के पास राज्य के पुलिस महानिदेशक को तीन-तीन महीने का दो बार सेवा विस्तार देने के लिए आवेदन किया था। जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। 

राज्य के पुलिस महानिदेशक के सेवा विस्तार के खिलाफ पेशे से वकील आर.आर. त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान त्रिपाठी ने कहा कि महाधिवक्ता की ओर से दी गई दलीले संतोषजनक नहीं प्रतीत हो रही है। याचिका में श्री त्रिपाठी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक के सेवा विस्तार को नियमों के विपरीत बताते हुए कहा है कि सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके पुलिस महानिदेशक को सेवा विस्तार दिया। सरकार के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक एक कमेटी के पूर्णकालिक सदस्य है। यदि महानिदेशक एक कमेटी के पूर्णकालिक सदस्य हैं तो वे महानिदेशक पद की जिम्मेदारी कैसे निभा पाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को 30 नवंबर को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था। मुख्य जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने केंद्र व राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। 

 

Created On :   17 Dec 2018 10:05 PM IST

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