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घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का मन बना रही सरकार, हजार करोड़ खर्च करने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन के दौरान बढ़े बिजली बिलों की वजह से जनता की नाराजगी के मद्देनजर राज्य की महाआघाडी सरकार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार एक हजार करोड़ का भार सहेगी। वित्त विभाग से चर्चा के बाद राज्य के ऊर्जा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (यूजीसी) से मान्यता के बाद यह प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते शुरु लॉकडाउन के दौरान अप्रैल, मई और जून इन तीन महिनों के बिजली बिल औसत के हिसाब से भेजे गए हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि यह बिजली बिल बहुत ज्यादा हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक हालत पहले से खस्ता है। ऐसे में बढ़े बिजली बिल ने लोगों की नाराजगी बढ़ी दी है। विपक्ष के साथ सरकार का समर्थन कर रहे दल भी बिजली बिलों से राहत की मांग कर रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य की ठाकरे सरकार भी बिजली बिलों में राहत देना चाहती है। इसके लिए एमईआरसी के पास प्रस्ताव भेजा गया है।
ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिजली बिलों में छूट देने के लिए एमईआरसी की मंजूरी जरुरी है। एमईआरसी के पास प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद सरकार बिजली बिलों में राहत देगी। सूत्रों के अनुसार 2019 में अप्रैल, मई और जून के बिजली बिल के बराबर ही अप्रैल, मई और जून 2020 का बिजली बिल देना होगा। बढ़े बिजली बिल का भार सरकार वहन करेगी।
इसमें 100 यूनिट तक अधिक बिजली बिल का भार सरकार वहन करेगी पर 101 से 300 यूनिट तक का फर्क आने पर इसका 50 हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। जबकि 301 से 500 यूनिट तक फर्क होने पर 25 फीसदी भार राज्य सरकार वहन करेगी। राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का सरकार राहत देगी। जिन्होंने बिजली बिल जमा कर दिया है, उन्हें अगले बिजली बिल में इसका लाभ मिल सकेगा।
Created On :   21 Aug 2020 8:01 PM IST