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राज्य सरकार सीमा विवाद मुद्दे पर मंगलवार को सदन में प्रस्ताव मंजूर करेगी - मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि जो कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा क्षेत्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे है उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और ऐसी बयानबाजी का मामले पर असर पड़ सकता है। इसलिए इस मुद्दे पर बोलने से पहले उन्होंने इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार सीमांत क्षेत्र के मराठी लोगों के साथ खड़ी है और मंगलवार को हम सीमा विवाद के मुद्दे पर विधानमंडल में प्रस्ताव मंजूर करेंगे।
मुख्यमंत्री शिंदे केंद्र सरकार के निमंत्रण पर सोमवार को यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शिरकत करने दिल्ली आए थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से उन्होंने कहा कि जो सीमा विवाद पर बोल रहे है उन्होंने सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए कार्यान्वित योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री धर्मदाय निधि, महात्मा ज्योतिबा फुले और अन्य बंद की है। इन योजनाओं के साथ सरकार ने सीमा क्षेत्र में जल संकट से निपटने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की म्हैसाला सिंचाई परियोजना शुरु की है। सीमा आंदोलन में एकनाथ शिंदे जेल गए। इसलिए आलोचना करने वालों ने जानकारी लेकर बोलना चाहिए, हमें सिखाने की जरुरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए क्षेत्र में कानून और व्यवस्था न बिगड़ने देने के निर्देश दिए है। यह विषय पिछले साठ दशकों से चला आ रहा है। मामला कोर्ट में है। इसके बावजूद विपक्ष के नेता बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे है। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात एक शिष्टाचार भेंट थी।
Created On :   26 Dec 2022 10:36 PM IST