अब सीएम कोटे का फ्लैट बेचने पर सरकार वसूलेगी शुल्क, नियमों में हुआ फेरबदल 

government will charge on the sale of allotted flat from CM quota
अब सीएम कोटे का फ्लैट बेचने पर सरकार वसूलेगी शुल्क, नियमों में हुआ फेरबदल 
अब सीएम कोटे का फ्लैट बेचने पर सरकार वसूलेगी शुल्क, नियमों में हुआ फेरबदल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में अब सीएम कोटे से आवंटित फ्लैट बेचने पर राज्य सरकार शुल्क वसूलेगी। सरकार के 5 प्रतिशत स्वेच्छाधिकार कोटे से मिले प्लैट को पांच साल तक नहीं बेचा जा सकता है और न ही किराए पर दिया जा सकता है। लेकिन सरकार ने पांच साल बाद फ्लैट बेचने की अनुमति दी है। राज्य सरकार के नगरविकास विभाग की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया है। शासनादेश के मुताबिक मुंबई, पुणे, ठाणे, उल्हासनगर शहरी क्षेत्र के पांच से दस साल तक पुराने प्लैट को बेचने और हस्तांतरित करने पर 500 रुपए प्रति वर्ग फुट वसूला जाएगा। दस साल पुराने प्लैट को बेचने और हस्तांतरित करने पर 250 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क चुकाना होगा। 

फ्लैट बेचने-हस्तांतरित करने पर लगेगा 250 रुपए प्रति वर्ग फुट शुल्क

नागपुर, नाशिक, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर जैसे शहरों में पांच से दस साल तक पुराने फ्लैट को बेचने और हस्तांतरित करने पर 250 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क देना पड़ेगा। इसी क्षेत्र के दस साल पुराने फ्लैट को 125 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क लगेगा। इसके अलावा मुंबई, पुणे, ठाणे और उल्हासनगर स्थित फ्लैट किराए पर दिया जाता है, तो 250 रुपए प्रति वर्ग फुट के आधार पर शुल्क देना होगा। नागपुर, नाशिक, कोल्हापुर, सोलापुर और सांगली शहर के प्लैट को किराए पर देने के ऐवज में 125 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से शुल्क चुकाना होगा। सरकार ने फ्लैट को बेचने और हस्तांतरित करने का अधिकार संबंधित जिलाधिकारी और सक्षम प्राधिकारी को दिया है। 

नियमों में फेरबदल

खास बात है कि यदी लाभार्थी प्लैट धारक अपने परिवार के सदस्य यानी मां, पिता, पति, पत्नी, बेटे और बेटियों को हस्तांतरित करता है तो उससे हस्तांतरण शुल्क नहीं वसूला जाएगा। संबंधित लाभार्थी अपने वारिस प्लैट को किराए पर देता है, तो एकमुश्त शुल्क वसूला किया जाएगा। लाभार्थी यदि फ्लैट को बेचता है, तो वह भविष्य में सरकार की दूसरे किसी फ्लैट देने की योजना के लिए पात्र नहीं होगा। प्लैट बेचने के समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सीएम कोटे से आवंटित फ्लैट की जांच के लिए गठित न्यायाधीश जे ए पाटील समिति ने संबंधित फ्लैट के बारे में किसी प्रकार का आक्षेप नहीं उठाया हो। प्रदेश सरकार के पांच प्रतिशत स्वेच्छाधिकार कोटे के फ्लैट को आवंटित करने का अधिकार सीएम का था। लेकिन 20 मार्च 2014 को बाम्बे हाईकोर्ट ने सीएम कोटे से फ्लैट आवंटन से जुड़ी नीति को रद्द कर दिया था।

Created On :   20 Oct 2017 9:46 PM IST

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