जंगली जानवरों के हमले में गई जान तो पीड़ित परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा

Government will give Rs 10 lakhs aid during death on wild animals attack
जंगली जानवरों के हमले में गई जान तो पीड़ित परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा
जंगली जानवरों के हमले में गई जान तो पीड़ित परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली भैंसा, जंगली सूअर, जंगली कुत्ते, मगरमच्छ, भेड़िया, लकड़बग्धा और लोमड़ी जैसे वन्य प्राणियों के हमले से यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उस व्यक्ति के परिजनों को अब 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। वन्यप्राणी के हमले से मृत व्यक्ति के परिजनों को 3 लाख रुपए का धनादेश तत्काल दिया जाएगा। जबकि बाकी 7 लाख रुपए का राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट (एफडी) कराया जाएगा।

प्रदेश सरकार के वन विभाग ने इस बारे में आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक वन्य प्राणियों के हमले से यदि कोई व्यक्ति स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है तो उसे 5 लाख रुपए मिलेंगे। व्यक्ति के गंभीर रूप से जख्मी होने पर 1 लाख 25 लाख रुपए दिए जाएंगे। यदि व्यक्ति हल्का जख्मी हुआ तो उसके इलाज का खर्च दिया जाएगा। संबंधित व्यक्ति निजी अस्पताल में इलाज कराएगा तो उसे अधिकतम 20 हजार रुपए उपलब्ध कराया जाएगा। 

इसके अलावा वन्य प्राणियों के हमले से गाय, भैंस और बैल की मौत होने पर संबंधित पशुओं के मालिक को बाजार मूल्य का 75 प्रतिशत अथवा 40 हजार रुपए, इन दोनों में से जो कम होगा वह दिया जाएगा। भेड़, बकरी और अन्य पशुधन की मौत होने पर बाजार मूल्य का 75 प्रतिशत अथवा दस हजार रुपए। इन दोनों में से जो रकम कम होगी उसे पशु के मालिक को अदा किया जाएगा। गाय, भैंस, बैल जैसे जानवरों की स्थायी विकलांगता पर बाजार की कीमत का 50 प्रतिशत या फिर 12 हजार रुपए मालिक को दिया जाएगा।

गाय, भैंस, बैल, भेड़, बकरी सहित अन्य पशुधन के जख्मी होने पर उसका इलाज सरकारी पशुचिकित्सालय में कराया जाएगा। इसके लिए अदा की जाने वाली राशि की मर्यादा बाजार भाव से 25 प्रतिशत अथवा केवल 4 हजार रुपए होगी। नागपुर में जारी विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में अनुपूरक अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान प्रदेश के वित्त व वनमंत्री सुधार मुनगंटीवार ने विधानसभा में वन्यप्राणियों के हमले से होने वाली मनुष्य हानि और पशुधन हानि के प्रकरण में आर्थिक सहायता बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके अनुसार सरकार की तरफ से यह शासनादेश जारी किया गया है। 

Created On :   12 July 2018 2:48 PM GMT

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