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दैनिक भास्कर हिंदी: महाराष्ट्र में प्लास्टिक पाबंदी से व्यापारी नाराज, फैसले पर पुनर्विचार करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (AIPMA) को प्लास्टिक पर पाबंदी को लेकर दोबारा विचार करने का आश्वासन दिया है। मंत्री कदम ने महाराष्ट्र में अगले साल मार्च में गुड़ी पड़वा से प्लास्टिक पर पांबदी लगाने की घोषणा की है। इससे प्लास्टिक व्यापारियों में उद्योग बंद होने की चिंता है। इसके मद्देनजर बुधवार को मंत्रालय में AIPMA के प्रतिनिधिमंडल ने कदम से मुलाकात की। AIPMA ने कदम से प्लास्टिक पाबंदी पर दोबारा विचार करने को कहा है। AIPMA के पूर्व अध्यक्ष हरेन सिंघवी ने कहा कि उन्होंने कदम को प्लास्टिक के ज्यादा से ज्यादा रीसाइक्लिंग पर जोर देने का सुझाव दिया।
पर्यावरण मंत्री के सामने प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग का पूरे देश का डाटा पेश किया गया। लेकिन उन्हें केवल महाराष्ट्र से जुड़े डाटा की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने केवल महाराष्ट्र का डाटा बनाने को कहा है। सिंघवी ने राज्य में इस्तेमाल होने वाली पीने के पानी की बोतलों और कैरी बैग के रीसाइक्लिंग से संबंधित जानतारी पर्यावरण मंत्री कदम को देंगे। सिंघवी ने कहा कि कदम ने हमें भरोसा दिलाया है कि यदि 90 प्रतिशत प्लास्टिक का रीसाइक्लिंग होता है। तो प्लास्टिक पाबंदी के फैसले पर दोबारा सोचेंगे। इस दौरान कदम ने कहा कि प्लास्टिक पर पाबंदी को लागू करने में अभी चार महीने का समय है। तब तक विभिन्न वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में विचार किया जा रहा है।
सरकार के पास नहीं है प्लास्टिक का विकल्प
इससे पहले सिंघवी ने कहा कि सरकार ने प्लास्टिक पर पाबंदी की घोषणा तो कर दी पर उनकी तरफ से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बताई गई है। प्लास्टिक से यदि समस्या हो रही है तो उसका समाधान पाबंदी नहीं है। हमें रिसाइक्लिंग पर जोर देना पड़ेगा। कोई केवल अपने अहंकार के लिए प्लास्टिक पर पाबंदी लाना चाहता है तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर पाबंदी लागू की जाती है। तो इसका सीधा असर प्लास्टिक उद्योग पर पड़ेगा। देश भर में 55 हजार प्लास्टिक के उद्योग है। इन उद्योगों से लगभग 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
प्लास्टिक पर संपूर्ण पाबंदी का था फैसला
इसके पहले कदम ने 16 नवंबर को मंत्रालय सहित सभी सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालयों, होटल और रेस्टोरेंट में पानी के इस्तेमाल में लाई जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य में प्लास्टिक पर संपूर्ण पाबंदी लगाई जाएगी।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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