दुग्ध विकास डेयरी का कामकाज अधर में, सरकार को केवल 10 फीसदी मुनाफा

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दुग्ध विकास डेयरी का कामकाज अधर में, सरकार को केवल 10 फीसदी मुनाफा
दुग्ध विकास डेयरी का कामकाज अधर में, सरकार को केवल 10 फीसदी मुनाफा

डिजिटल डेस्क, अमरावती। दिनों दिन सरकारी दुग्ध विकास डेयरी का कामकाज अधर में लटकता नजर आ रहा है। जहां सरकार अधिकारी और कर्मचारियों का वेतन समय पर दे रही है। वहीं रोजाना प्राप्त होनेवाले दुध पर नियंत्रण रखने हेतु लाखों रूपए बिजली का बील प्रतिमाह भी चुकता किया जा रहा है। लेकिन सरकार को केवल 10 फीसदी मुनाफा होने से परिस्थिति अधिक से अधिक विकट हो रही है। जहां सरकारी दुग्ध विकास डेयरी को मुहर लगने की जानकारी प्राप्त हुई है।

सरकारी नियमों में हुए कई बदलाव,  डेयरी को लगा काफी तगड़ा झटका
बता दे कि दुग्ध विकास को अब तक कई सरकारी नियमों में बदलाव किए गए। लेकिन निजी कंपनियों के बढ़ते कदमों से बीते 20 वर्षों में सरकारी दुग्ध विकास डेयरी को काफी तगड़ा झटका लगा है। वहीं दुग्ध विकास मंत्री ने भी अमरावती आकर बड़े-बड़े आश्वासन देते हुए विदर्भ में अमरावती को दुग्ध विकास में प्रथम दर्जा देने की बात कही थी। लेकिन बीते 4 वर्षों में किसी भी प्रकार की हलचल नहीं की गई है। केवल ढाई से तीन हजार लीटर दुध के शीतकरण के लिए सरकार को रोजाना काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जिसके बाद सरकार की दुग्ध विकास डेयरी केवल नाम के लिए स्थापित है। 

निजी दूध डेयरी की ओर जा रहा दूध
बीते दो वर्ष पूर्व व्यवसाय को अधिक बढ़ावा देने की बात जिलाधीश द्वारा दी गई थी। लेकिन परिस्थिति जैसी-तैसी रहने से गांव के संस्थाओं द्वारा दूध भी अब निजी दूध डेयरी की ओर बढ़ता चला गया। दूध को कम दाम देने को लेकर यह सबसे बड़ी सरकार की भूल मानी जा रही है। जहां सरकारी दुग्ध डेयरी को मुहर लगाने की हलचल जिला प्रशासन के जरिए शुरू हो चुकी है। सरकार करोड़ों खर्च कर योजनाएं चला रही है, इसके बावजूद घाटे में मुह देखना पड़ रहा है, जो विभाग के सामने परेशानी का सबब बनता जा रहा है। 

Created On :   3 Dec 2017 6:28 PM IST

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