ऑडिट के अभाव में नहीं मिल पाया 50 करोड़ से अधिक का अनुदान

Grant of more than 50 crores could not be received due to lack of audit
ऑडिट के अभाव में नहीं मिल पाया 50 करोड़ से अधिक का अनुदान
 अमरावती ऑडिट के अभाव में नहीं मिल पाया 50 करोड़ से अधिक का अनुदान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। पिछले दो वर्ष से मूल्यांकन न करने की वजह से स्कूलों को मिलने वाली दैनंदिन खर्च व नियोजन कार्यों के लिए मिलने वाली राशि राज्य सरकार के पास ही अटकी हुई है। जानकारी के अनुसार यह रकम 50 करोड़ से भी अधिक है। जिसको लेकर जिप शिक्षा समिति द्वारा अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है और इस पूरे मामले की जांच के लिए जांच समिति गठित कर एक माह के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए है। जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख की मौजूदगी में आयोजित इस बैठक में मूल्यांकन न करने का मुद्दा गंभीरता से उठाया गया। इस मामले में शिक्षण विभाग के एक लिपिक पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। जिसके बाद अध्यक्ष की ओर से लिपिक के साथ ही विभाग के तत्कालीन अधीक्षक, शिक्षण अधिकारी व अन्य संबंधितों से जवाब तलब किया है। सभी संबंधितों की जांच भी की जाएगी। स्कूलों का पुताई, दैनंदिन खर्च, फल वितरण व अन्य साहित्य बिजली व पानी के बिलों का भुगतान, इमारतों का किराया, फर्नीचर की दुरुस्ती इन सभी कार्यों के लिए शासन द्वारा स्कूलों को आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। स्कूली स्तर पर व्यवस्थापन समिति के माध्यम से खर्च किया जाता है। लेकिन पिछले दो वर्ष से पैसे न मिलने की वजह से खर्च भी नहीं किया जा सका है। जिसके परिणाम स्वरूप अनेक स्कूलों की स्थिति बिगड़ गई है। इस संदर्भ में कई बार शाला व्यवस्थापन समिति शिक्षकों, विद्यार्थियों के माता-पिताओं की ओर से निवेदन भी दिए जा चुके है। 

मामले की होगी जांच

बबलू देशमुख, जिप अध्यक्ष के मुताबिक मूल्यांकन न करने के चलते राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली निधि शिक्षा विभाग को नहीं मिल पाई है। करीब दो वर्ष से यह लापरवाही चली आ रही है। इसका दोष केवल एक लिपिक पर नहीं डाला जा सकता है। अधिकारी सहित कार्यालय अधीक्षक सभी की जांच की जाएगी।

 

Created On :   9 Nov 2021 3:58 PM IST

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