आरटीई के लिए स्कूलों का बकाया न देने से हाईकोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना नोटिस

HC Angered, Notice sent to education Officer due to this reason
आरटीई के लिए स्कूलों का बकाया न देने से हाईकोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना नोटिस
आरटीई के लिए स्कूलों का बकाया न देने से हाईकोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार कानून (RTI ) को लेकर राज्य सरकार के रुख को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार स्कूलों को RTI कानून के तहत बच्चों को प्रवेश देने के लिए बाध्य करती है पर इस प्रवेश के एवज में स्कूलों को जरुरी रकम का सालों तक भुगतान नहीं करती। जिसके चलते शिक्षकों को वेतन तक नहीं मिल पात और इसके लिए उन्हें सड़कों पर आकर प्रदर्शन करना पड़ता है। मामले में खडंपीठ ने शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को न्यायालय की अवमानना का नोटिस भी जारी किया है। जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने मुंबई के बाल मोहन विद्या मंदिर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह तल्ख टिप्पणी की। याचिका में RTI के तहत एडमिशन में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया गया है। 

नगरसेवक-अधिकारी प्रवेश के लिए भेजते हैं लिस्ट 
याचिका में कहा गया है कि नगरसेवक अपनी तरफ से स्कूलों को RTI के तहत एडमिशन देने के लिए दबाव बनाते हैं। इसके लिए वे भी धमती भी देते हैं। शिक्षा अधिकारी भी अपनी तरफ से एडमिशन करने के लिए सूची भेजते हैं। जबकि RTI एडमिशन किस तरह से दिया जाए इसका सारा ब्यौरा संबधित कानून में दिया गया है। याचिका में दावा किया गया था कि एडमिशन को लेकर सिफारिश न सुनने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी भी दी जाती है।  

302 करोड़ जारी, जल्द होगा भुगतान 
 याचिका पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि RTI ही नहीं शिक्षा को लेकर सरकार ने हर जगह गड़बड़ी व अव्यवस्था फैला रखी है फिर चाहे वह इंजीनियरिंग हो या आर्किटेक्चर की शिक्षा। इससे पहले सरकारी वकील ने कहा कि सरकार ने RTI के तहत बकाया भुगतान के लिए 302 करोड रुपए जारी किए है। जल्द ही इस रकम को स्कूलों को दिया जाएगा। लेकिन मामले को लेकर सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट बेंच ने राज्य के शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया। अदालत ने सरकारी वकील को कहा कि वे सुनिश्चित करे की मामले की अगली सुनवाई तक बाल मोहन विद्यालय के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। यह कहते हुए बेंच ने मामले की सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। 

Created On :   10 April 2018 8:08 PM IST

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