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अदालत ने सरकार से पूछा - कोरोना की पाबंदियों के बावजूद कैसे हो रही सभाएं, लगाएं रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाए। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसी किसी भी प्रकार की राजनीतिक रैलियों को मंजूरी न दी जाए, जो कोविड से जुड़े प्रोटोकाल का उल्लंघन करती हो। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने कोविड के चलते भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है। फिर कैसे राजनीतिक रैलियां हो रही हैं। इस दौरान खंडपीठ ने पिछले दिनों नई मुंबई में निर्माणाधीन एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर हुई रैली का भी जिक्र किया। खंडपीठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार भविष्य में ऐसी रैलियों पर रोक नहीं लगाएगी, तो अदालत को राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाना पड़ेगा। सरकार को अपनी व्यवस्था को सक्रिय कर ऐसी रैली के आयोजन रोकना होगा, जो कोरोना से जुड़े प्रोटोकाल का उल्लंघन करती हो।
सरकार नहीं लगा सकती, तो हम लगाएंगे रोक
यदि सरकार खुद को राजनीतिक रैलियों को रोक पाने में असमर्थ मानती हो, तो अदालत को इस पर रोक लगाने की दिशा में कदम बढ़ाने दिया जाए। खंडपीठ ने कहा कि अदालत पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रही है। कोविड के चलते कोर्ट बंद है। लेकिन नेताओं की ओर से राजनीतिक रैलियों का आयोजन जारी है।
एयरपोर्ट बना नहीं, नामकरण के लिए निकला मोर्चा
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पिछले दिनों नई मुंबई के निर्माणाधीन एयरपोर्ट को स्थानीय नेता डीबी पाटील का नाम दिए जाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन में इकट्ठा हुई भीड़ का भी जिक्र किया। प्रदर्शन के दौरान एयरपोर्ट को दिवंगत शिवसेना सुप्रिमो बाल ठाकरे नाम देने का विरोध किया गया था। खंडपीठ ने कहा कि अभी तक एयरपोर्ट बनकर तैयार नहीं हुआ है। लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए अभी से एयरपोर्ट के नाम को लेकर प्रदर्शन शुरु हो गया है। हमे लगा की वहां 5 हजार लोग इकट्ठा होगे लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या 25 हजार के पार थी। क्या कोविड खत्म होने तक इस तरह के प्रदर्शन नहीं रोके जा सकते। खंडपीठ ने कहा कि क्या राजनीतिक रैली का आयोजन कोरोना का संक्रमण रोकने से ज्यादा जरुरी है। खंडपीठ ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। जबकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में प्रलंबित है। आखिर राजनेता मतदाताओं को मराठा आरक्षण कोर्ट में प्रलंबित होने की बात क्यों नहीं समझा रहे हैं। खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार रैलियों को रोकने के लिए कौन से कदम उठाएगी। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   30 Jun 2021 7:08 PM IST