हाईकोर्ट ने पूछा-जिला अदालत में स्टेनोग्राफर, जूनियर क्लर्क भर्ती के लिए नेत्रहिनों के लिए क्यों नहीं आरक्षित पद 

HC asked- why not reserve  vacancies for blind people to recruit
हाईकोर्ट ने पूछा-जिला अदालत में स्टेनोग्राफर, जूनियर क्लर्क भर्ती के लिए नेत्रहिनों के लिए क्यों नहीं आरक्षित पद 
हाईकोर्ट ने पूछा-जिला अदालत में स्टेनोग्राफर, जूनियर क्लर्क भर्ती के लिए नेत्रहिनों के लिए क्यों नहीं आरक्षित पद 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न जिला अदालतों में स्टेनोग्राफर, जूनियर क्लर्क व चपरासी के लिए रिक्त पदों पर नेत्रहीनों के लिए एक भी पद न आरक्षित करने के मामले में रजिस्ट्रार जनरल से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यह जवाब नेशनल एसोसिएशन आफ ब्लाइंड और एक नेत्रहीन युवक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान मांगा।

याचिका में राज्य भर की विभिन्न जिला अदालतों में हजारों की संख्या में रिक्त पदों पर भर्ती के दौरान ‘पर्सन विथ डिसेबिलिटी डिसबिल्टी एक्ट’ के प्रावधानों को लागू करने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है नियुक्ति से जुड़े सारे दस्तावेज अदालत में मंगाए जाए। याचिका के मुताबिक इन पदों पर नियुक्ति को लेकर 28 मार्च 2018 को विज्ञापन जारी किया गया था। गुरुवार को न्यायमूर्ति नरेश पाटील व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। 

अदालतों पर नहीं लागू होता यह कानून: सरकारी वकील  
इस दौरान रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राहुल नेरलेकर ने कहा कि पर्सन विथ डिसबिल्टी कानून अदालतों की नियुक्ति पर लागू नहीं होता है। वैसे हमने शारिरीक रुप से विकलांग ( जिन्हे सुनने में तकलीफ है और जो पैर की विकलांगता से ग्रस्त हैं) लोगों के लिए पद आरक्षित किए हैं। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पैरवी कर रहे वकील को शुक्रवार तक याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही वह अधिसूचना भी पेश करने को कहा जिसके तहत हाईकोर्ट पर पर्सन विथ डिसबिल्टी कानून हाईकोर्ट पर लागू नहीं होता है। 

  
  

Created On :   5 April 2018 6:46 PM IST

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